मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत
बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र वेलमार्क में तब्दील हो गया है जो कि अगले 24 घंटे में डिप डिप्रेशन का रूप धारण कर लेगा।
भुवनेश्वर, जेएनएन। राज्य मौसम विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में भीषण बारिश से फिलहाल कोई राहत मिलने वाली नहीं है। ऐसे में सभी प्रकार के सतर्क कदम उठाने एवं राहत दल को पूरी तरह से तैयार रहने का कहा गया है। बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र वेलमार्क में तब्दील हो गया है जो कि अगले 24 घंटे में डिप डिप्रेशन का रूप धारण कर लेगा। इसके प्रभाव से तटीय ओडिशा में भारी बारिश के साथ दक्षिण ओडिशा में भारी से भारी बारिश होगी।
ऐसे में प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री कैसे पहुंच जाए इस पर ध्यान देने के लिए रिलीफ कमिश्नर सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किया है। राज्य सभी बंदरगाहों में तीन नंबर खतरे का निशान जारी कर दिया गया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत दी गई है। इधर, भारी बारिश से रायगढ़ा जिला में परिस्थित बेहद
गंभीर हो गई है। लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने एवं उनके पास राहत सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकाप्टर का प्रयोग किया जा रहा है।
इसके अलावा दमकल, नौसेना, ओड्राफ एवं सीआरपीएफ जवानों को भी तैयार रखा गया है। रविवार से जारी बारिश ने न सिर्फ तटीय ओडिशा के लोगों का जीना दूभर कर दिया है बल्कि कटकशहर में भी कृत्रिम बाढ़ की स्थिति बन गई है। शहर के तमाम निचले हिस्सों में जल जमाव हो गया है। शहर से पानी निकालने के लिए 260 पंप लगाए गए हैं। कटक शहर में निचले हिस्से में रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
यहां पर प्रभावित लोगों की मदद के लिए 7 टीम बनायी गई है एवं 15 हजार लोगों के लिए पका हुआ भोजन देने की व्यवस्था किए जाने की जानकारी आरडीसी अखिल बिहारी ओता ने दी है। राजधानी भुवनेश्वर में भी स्थिति गम्भीर है, कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। नालों का पानी लोगों के घरों में घुस रहा है तो आचार्य विहार, बमीखाल, इस्कॉन मंदिर, आचार्य विहार आदि इलाकों में सड़कें पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। यूं कहें कि आफत बारिश से चारों तरफ तबाही मचाकर रख दिया।
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