संशोधित : बाहरी राज्य से जुड़े प्लसेमेंट में ठगी के तार
नारायण दास, भुवनेश्वर शिक्षा ओ अनुसंधान विश्वविद्यालय से संबंद्ध इंस्टीटयूट ऑफ टेक्निकल एंड ि
नारायण दास, भुवनेश्वर
शिक्षा ओ अनुसंधान विश्वविद्यालय से संबंद्ध इंस्टीटयूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड रिसर्च (आइटीईआर) के 50 छात्रों के साथ प्लेसमेंट के नाम पर ठगी मामले में दो दिन की रिमांड पर लिए गए डीन राजकुमार होता ने पुलिस के समक्ष कई अहम राज उगले हैं। डीन ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि इस कारनामें में एक बड़ा रैकेट शामिल है, जिसमें बाहरी राज्यों के करीब 25 लोग संलिप्त हैं। ये लोग प्रतिष्ठित कंपनियों के नकली एजेंट बनकर विभिन्न राज्यों में प्लेसमेंट के नाम पर छात्रों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं।
डीन के इस बयान से कमिश्नरेट पुलिस के होश उड़े हुए है। उक्त आरोपियों की सूची तैयार कर उन्हें दबोचने के लिए पुलिस की तीन टीमें गठित की गई हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो इन टीमों को संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया है।
जब्त लैपटॉप के आधार पर पुलिस आगे बढ़ा रही जांच : कमिश्नरेट पुलिस मामले के संपूर्ण उद्भेदन के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। पूछताछ के दौरान रिमांड पर लिए गए डीन की जाली नियुक्ति पत्र मामले में चुप्पी साधने से पुलिस की उलझनें बढ़ गई है। इधर, पुलिस कॉलेज के प्लेसमेंट सेल विभाग का लैपटॉप जब्त कर उसे खंगाल रही है। पुलिस को उम्मीद है कि लैपटॉप के जरिये पूरे कारनामे का सच सामने लाने में उसे मद्द मिलेगी। पुलिस लैपटॉप से मिल रहीं जानकारियों के आधार पर अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है।
गौरतलब है कि आइटीईआर के छात्रों के साथ प्लेसमेंट के नाम पर ठगी मामले में विवि की ओर से प्लेसमेंट का उत्तरदायित्व संभालने वाली गुड़गांव की रेहेम नामक कंसल्टेंसी संस्था के खिलाफ खंडगिरी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया है। गुड़गाव की इस संस्था ने जनवरी से मार्च तक कॉलेज में कैंपस सेलेक्शन करते हुए 414 छात्रों का चयन किया था। इनमें 50 छात्र नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र लेकर गुड़गांव पहुंचे तो पता चला कि सभी नियुक्ति पत्र जाली हैं। कंपनियों से बताया गया कि जनवरी से मार्च के मध्य उनकी तरफ से भुवनेश्वर में किसी तरह का कोई कैंपस सेलेक्शन नहीं किया गया था। इधर, भुक्तभोगी छात्रों का अपनी मांगों के समर्थन कॉलेज गेट पर अनशन जारी है। ं छात्र कांग्रेस भी इन छात्रों के समर्थन में आंदोलन कर रही है।
1996 में हुआ था विवि का गठन : शिक्षा ओ अनुसंधान विश्वविद्यालय का गठन 1996 में इंस्टीटयूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड रिसर्च (आइटीईआर) के नाम से हुआ था, जिसे वर्ष 2007 में डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। करीब 200 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैले इस विवि के अधीन आइटीईआर समेत नौ डिग्री प्रदानकारी संस्थान संचालित हैं। इनमें 1400 बालिका एवं 2500 बालकों के लिए छात्रावास की भी सुविधा है। विवि से जुड़े संस्थानों में कुल नौ हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।