19 कंपनियों का भविष्य अधर में
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : सूबे में बिजली उत्पादन के लिए प्रदेश सरकार के साथ करार करने
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : बिजली उत्पादन के लिए प्रदेश सरकार के साथ करार करने वाली 19 कंपनियां अपने वायदे से मुकरती दिखाई दे रही हैं। वर्ष 2006 से 2011 के मध्य 37 हजार 500 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 27 कंपनियों से करार किया गया था। बाद में कई दिक्कतों के कारण 19 कंपनियां अपना कामकाज आगे नहीं बढ़ा पा रहीं हैं। इसके लिए बैंक से ऋण मिलने में हो रही परेशानी, जमीन अधिग्रहण व कोल ब्लॉक आवंटन को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। सरकारी तत्थों के अनुसार सीईएससी, भिसा पावर, साहारा इंडिया पावर, आरती स्टील पावर, असंतरंग पावर व भारत पावर सहित अन्य कंपनियों का कामकाज अधर में लटका हुआ है। और तो और कटक जिले में स्थापित होने वाली टाटा पावर कंपनी एवं अनुगुल जिले में स्थापित होने वाली भूषण एनर्जी लिमिटेड जैसे प्रकल्प भी आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। इसके अलावा अनगुल जिले में स्थापित होने वाली जेआरपावरजेन प्राइवेट लिमिटेड सोनपुर जिले के आधुनिक पावर एंड नेचुरल का कामकाज जहा का तहा अटका हुआ है। ढेंकानाल जिले में जेएसएल एनर्जी, सोनपुर के केयू प्रोजेक्टस, केन्द्रपड़ा के एसपीआइ पोर्ट्रस आदि कंपनी ने अपना काम आरंभ ही नहीं किया है। इससे प्रदेश सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि अब मेक इन ओडिशा कनक्लेव के जरिए प्रदेश में पूंजी निवेश का वातावरण बनाया जा रहा है लेकिन कहीं उसकी भी हवा न निकल जाए।