राज्य में शुरू हुई चिटफंड बनाम चावल की राजनीति
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : चिटफंड मामले को लेकर पूरी तरह से बैकफट पर आ गई राज्य सरक
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर :
चिटफंड मामले को लेकर पूरी तरह से बैकफट पर आ गई राज्य सरकार ने अब पीडीएस चावल का सहारा लिया है। जानकारी के अनुसार चिटफंड मामले को लेकर पिछले कुछ दिनों से एकजुट विरोधी दल के नेताओं ने सरकार को पूरी तरह से घेर रखा है। चिटफंड कमीशन के जस्टिस एलएन दास एवं मंत्री संजय दास वर्मा के इस्तीफे की माग कर रहे हैं। मंगलवार को भी विधानसभा में इस मुद्दे पर सदन में विरोधी दल के नेताओं ने जमकर हंगामा किया। जिससे विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दिन के तीन बजे तक स्थगित कर दिया। विरोधी दल के बढ़ते दबाव को देखते हुए सत्तारूढ़ बीजद के नेताओं ने मंगलवार को नया हथकंडा अपनाते हुए राज्य के लोगों का ध्यान चिटफंड मुद्दे से भटकाने का प्रयास किया है। जानकारी के मुताबिक बीजद के विधायकों ने केंद्र सरकार से कोटा पर मिल रहे गेहूं के बदले चावल की माग किए हैं। इसके लिए सत्तारूढ़ दल के मंत्री एवं विधायक चिलचिलाती धूप में पैदल मार्च करते हुए राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। बीजद विधायकों ने तर्क दिया है कि ओडिशा के लोग गेहूं कम चावल ज्यादा खाते हैं, ऐसे में उन्हें केंद्र से गेंहू के बदले चावल मिलना चाहिए। इसके लिए मुख्यमंत्री ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा है, लेकिन केंद्र सरकार हमारी माग पर ध्यान नहीं दे रही है। इससे आज हम लोग मजबूर होकर यह कदम उठाए हैं। हालाकि सत्तारूढ़ दल के नेताओं के इस कदम को विरोधी दल के नेताओं को असल मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने वाला बताया है। विरोधी दल के नेताओं ने कहा है कि सत्ता पक्ष के कई नेता, मंत्री व विधायक चिटफंड मामले में शामिल हैं। मंत्री संजय दास वर्मा को सीबीआइ से नोटिस भी मिल चुकी है, ऐसे में मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन सत्तापक्ष के नेता व मंत्री का इस्तीफा दिलाने के बजाय जनता को भ्रमित करने एवं असल मुद्दे से ध्यान भटकाने का असफल प्रयास कर रहे हैं।