पिपिली में भूमि पूजन कर सीएम ने की अच्छी फसल की कामना
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : पवित्र अक्षय तृतीया के अवसर पर शनिवार को राजधानी सहित विभिन्न जग
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर :
पवित्र अक्षय तृतीया के अवसर पर शनिवार को राजधानी सहित विभिन्न जगहों में विशेष पूजा- पाठ व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह दिन पारंपरिक खेती कार्य के शुभारंभ का दिन माना जाता है। इस दिन सूबे के किसान अपने खेतों में अक्षीमुठी के साथ कृषि कार्य का शुभारंभ करते हैं। है। इसे स्थानीय भाषा में अक्षीमुठी अनुकूल कहा जाता है। सुबह नहाने के साथ ही पूजा-पाठ के साथ किसान पारंपरिक वेश में धान का बीज लेकर किसान अपने खेत पहुंचते हैं। इस मौके पर बैलों की भी पूजा होती है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन खेत में बीज डालने भरपूर फसल की आमद होगी। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पिपिली के लक्ष्मी नारायणपुर में अखी मुठी अनुकुल करते हुए राज्य में अच्छा फसल उत्पादन होने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने लक्ष्मीनारायण पुर गांव में भूमिपूजन भी किया। उन्होंने कहा कि किसान हमारे आर्थिक विकास का आधार हैं। किसान एवं खेती का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। सरकार किसानों के लिए पानी व खाद की सप्लाई सुनिश्चित कर रही है। पिछले चार बार से हमें कृषि कर्मण पुरस्कार मिलना इस बात का प्रमाण है कि हमारे किसान कितना पुरुषार्थ से अपना कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों को दिए जाने वाले ऋण की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार किसानों को ऋण मुहैया कराने के लिए त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं। इस मौके पर कृषि मंत्री प्रदीप महारथी, सांसद व विधायक भी मौजूद थे। पीसीसी अध्यक्ष प्रसाद हरिचंदन ने जटणी ब्लॉक के पीणिओरा गांव में अखी मुठी अनुकूल किया।
अक्षय तृतीया की तिथि भगवान जगन्नाथ के रथयात्रा से भी जुड़ी हुई है। इस मौके पर पुरुषोत्तम धाम पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा के लिए रथ निर्माण का कार्य आरंभ होता है। साथ ही भगवान की उत्सव प्रतिमा आज से चंदन यात्रा में शामिल होती है। चंदन यात्रा के लिए पुरी के प्रसिद्ध चंदन तालाब को संवारा गया है।