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आइटी सामग्री की खरीद पर बैन

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : ई. कामर्स पोर्टलों में गैरकानूनी मूल्य नीति का विरोध करते हुए ओडिशा आइट

By Edited By: Published: Sat, 22 Nov 2014 05:09 AM (IST)Updated: Fri, 21 Nov 2014 09:16 PM (IST)
आइटी सामग्री की खरीद पर बैन

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : ई. कामर्स पोर्टलों में गैरकानूनी मूल्य नीति का विरोध करते हुए ओडिशा आइटी संघ ने राष्ट्रीय वितरकों के पास से किसी भी प्रकार का उत्पाद न खरीदने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही संघ ने ई. कामर्स में गैरकानूनी कारोबार बंद करने, आइटी उत्पादों की न्यूनतम संचालन दर निर्धारण तथा इसके संचालन के लिए नियामक बनाने की माग की है।

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इटाओ के इस निर्णय के बाद आगामी दो महीने में ओडिशा में आइटी सामग्रियों का संकट उत्पन्न होने की संभावना जतायी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ 24 नवंबर से राष्ट्रीय आइटी महासंघ (फीटा) राष्ट्रीय वितरकों से उत्पाद क्रय वैन करने के साथ विक्रय व उसके बाद की सेवा बंद करने का निर्णय लिए जाने की जानकारी इटाओ की तरफ से दी गई है। यहा आयोजित पत्रकार सम्मेलन में संघ के अध्यक्ष अरुण कुमार दे ने कहा कि ई कामर्स पोर्टल कंपनी के पास से जो खरीद रहे हैं मूल्य से भी कम में आईटी उत्पाद बेच हैं। इससे फुटकर व्यापारी प्रभावित हो रहे हैं। इस संदर्भ में उचित कदम उठाने के लिए 3 महीने पहले फीटा की तरफ से सरकार व आइटी निर्माताए प्रकृत उपकरण निर्माता (ओइएम) व राष्ट्रीय वितरकों के साथ चर्चा की गई थी। मगर कोई लाभ नहीं हुआ है। इससे 24 नवंबर राष्ट्रीय स्तर वितरकों के पास से आइटी सामग्री न खरीदने के लिए फीटा ने आह्वान किया है। इस निर्णय का सम्मान करते हुए इटाओ ने 17 नवंबर से ही राष्ट्रीय वितरकों के पास से सामग्री क्रय पर अनिश्चितकालीन वैन लगा दिया है। जानकारी के अनुसार वर्तमान समय से दो महीने तक के लिए फुटकर व्यापारियों के पास आइटी सामग्री मौजूद है मगर दो महीने बाद बाजार में आइटी सामग्री पर संकट दिखाई देने की बात इटाओ के पूर्व अध्यक्ष मनोज ललानी ने कही है। ललानी ने कहा कि ई. कामर्स व्यवसायी ओइएम के पास से खरीद रहे आइटी सामान को गैरकानूनी ढंग से कम दाम में बेच रहे हैं। इससे फुटकर व्यापारी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। ई. कामर्स से सरकार को भी किसी प्रकार का राजस्व नहीं मिल रहा है। ऑन लाइन व्यापार से हर महीने 10 करोड़ रुपये का राज्य राजकोष का नुकसान हो रहा है। इसे रोकने के लिए सरकार को आन लाईन व्यापार पर प्रवेश शुल्क व वैट लगाना चाहिए। जब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो जाता है हमारा आन्दोलन जारी रहेगा। आयोजित इस बैठक में अन्यों के बीच नवरतन बोथरा व दयानंद रथो उपस्थित थे।


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