मिसाइल अग्नि-2 का परीक्षण
लावा पाण्डे, बालेश्वर : भारतीय सेना ने गुरुवार को परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 मिसाइल क
लावा पाण्डे, बालेश्वर :
भारतीय सेना ने गुरुवार को परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 मिसाइल का परीक्षा किया है। अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) स्थित इंट्रीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आइटीआर) से इसका प्रक्षेपण किया गया। यह मिसाइल दो से ढाई हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है। पाकिस्तान, चीन और दक्षिण पूर्व एशिया इस मिसाइल की जद में हैं। अग्नि-2 का विकास रक्षा विकास और अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशालाओं और भारत डायनमिक्स हैदराबाद के साथ मिलकर एडवांस सिस्टम प्रयोगशाला ने किया है। सतह से सतह पर मार करने वाली मध्यम दूरी की इस मिसाइल का परीक्षण आइटीआर के लांच कांपलेक्स-4 (एलसी-4) से रेल मोबाइल प्रणाली के जरिए सुबह 10.23 बजे किया गया। स्वदेश निíमत यह मिसाइल 21 मीटर लंबी, एक मीटर चौड़ी व 17 टन वजन की है। यह मिसाइल एक हजार किलोग्राम तक विस्फोटक वहन कर सकती है। यह दो स्तर के ठोस ईधन से संचालित बैलेस्टिक मिसाइल है। अग्नि-2 का पहला परीक्षण 11 अप्रैल 1999 में किया गया था।
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क्या बैलेस्टिक मिसाइल
तकनीकी दृष्टि से बैलेस्टिक मिसाइल वह होती हैं, जिसका प्रक्षेपण पथ सब आíबटल बैलेस्टिक पथ होता है। इसका उपयोग किसी हथियार (प्राय: नाभकीय अस्त्र) को किसी पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर दागने के लिए किया जाता है। यह मिसाइल अपने प्रक्षेपण के प्रारंभिक चरण में ही गाइड की जाती है। इसके बाद का पथ आíबटल मैकेनिक्स के सिद्धांतों एवं बैलेस्टिक सिद्धांतों से निर्धारित होता है। इन्हें रासायनिक राकेट इंजनों से प्रक्षेपित किया जाता है।