अग्नि-एक का सफल परीक्षण
लावा पांडे, बालेश्वर : भारत ने ओडिशा के बालेश्वर से करीब सौ किलोमीटर दूर अब्दुल कलाम द्वीप
लावा पांडे, बालेश्वर :
भारत ने ओडिशा के बालेश्वर से करीब सौ किलोमीटर दूर अब्दुल कलाम द्वीप (ह्वीलर द्वीप) स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आइटीआर) से मंगलवार को कम दूरी तक मार करने करने वाले परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल (एसआरबीएम) अग्नि-1 का सफलता पूर्वक परीक्षण किया। अग्नि-1 परीक्षण के दौरान अपने सभी मापदंडों पर खरी उतरी। रेल सचल लांचर से सुबह सुबह 10 बजकर 9 मिनट पर जब इस मिसाइल का परीक्षण किया गया तो सतह से सतह पर मार करने वाली एकल चरण मिसाइल को छोड़ा गया। वह अपने पीछे नारंगी व सफेद रंग के धुएं का मार्ग बनाता आकाश में चला गया। जहां अपनी निर्धारित दूरी को छूने के बाद मिसाइल फिर से वातावरण में दाखिल हुआ और बंगाल की खाड़ी में समा गया। इस मिसाइल का इस्तेमाल करने वाली भारतीय सेना की सामरिक बल कमान की टीम ने पूरे प्रक्षेपण अभियान को संचालित किया। इसके लिए रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) ने जरूरी साजो सामान मुहैया कराया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 900 किलोमीटर है। भारतीय सेना में पहले ही शामिल की जा चुकी यह मिसाइल 15 मीटर लंबी व 12 टन वजनी है। यह अपने साथ एक टन वजन तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। इस हथियार प्रणाली के इस्तेमाल के लिए भारतीय सेना की तैयारी में इस परीक्षण को बड़ा कदम माना जा रहा है। इस मिसाइल ने पूर्ण क्षमता हासिल कर ली है। इस परीक्षण के पूरे मार्ग की निगरानी अत्याधुनिक रडार टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो प्रणाली से की गई। प्रभाव स्थल के पास नौ सेना के एक जहाज ने जायजा लिया। एकल चरण वाली अग्नि एक मिसाइल को रेल और सड़क दोनों प्रकार के मोबाइल लांचरों से छोड़ा जा सकता है। अग्नि -1 मिसाइल का पहला परीक्षण 25 जनवरी 2002 को इसी द्वीप से किया गया था।