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यमन में लंगर डालने की भारतीय पोत को नहीं मिली मंजूरी

अपने नागरिकों को लाने गए भारतीय पोत को यमन के बंदरगाह पर लंगर डालने की मंजूरी नहीं मिल पा रही है। खबरों के अनुसार, अदन में हो रही अत्यधिक गोलीबारी के कारण पोत को क्लीयरेंस नहीं मिल रहा है। भारतीयों को लाने के लिए सोमवार सुबह यहां से दो विमानों

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 08:20 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 08:49 PM (IST)
यमन में लंगर डालने की भारतीय पोत को नहीं मिली मंजूरी

नई दिल्ली। अपने नागरिकों को लाने गए भारतीय पोत को यमन के बंदरगाह पर लंगर डालने की मंजूरी नहीं मिल पा रही है। खबरों के अनुसार, अदन में हो रही अत्यधिक गोलीबारी के कारण पोत को क्लीयरेंस नहीं मिल रहा है। भारतीयों को लाने के लिए सोमवार सुबह यहां से दो विमानों को भेजा गया था, लेकिन इन्हें यमन में उतरने की इजाजत नहीं मिली, जिसके बाद से वे मस्कट (ओमान) में रुके हैं।

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रक्षा सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि भारत सरकार के 'ऑपरेशन राहत' के तहत युद्धग्रस्त देश से अपने नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए दो युद्धक पोत सहित चार और पोत चार अप्रैल तक यमन पहुंच सकते हैं।

सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी अभियान में लगे पोत आइएनएस सुमित्रा को यमन से भारतीयों को लाने का आदेश दिया था। आइएनएस सुमित्रा यमन की समुद्री जलसीमा के बिल्कुल बाहर खड़ा है और आगे बढ़ने के लिए मंजूरी के इंतजार में है। बताया जा रहा है कि अदन में अत्यधिक गोलीबारी हो रही है, जिस कारण पोत को बंदरगाह पर लंगर डालने के लिए क्लीयरेंस नहीं मिल पा रहा है। योजना के मुताबिक, आइएनएस सुमित्रा को कम से कम चार सौ भारतीयों को अदन से निकालकर जिबूती पहुंचाना था।

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आइएनएस सुमित्रा के अलावा, भारतीय नौसेना के दो विध्वंसक पोत आइएनएस मुंबई और आइएनएस तरकश को मुंबई से रवाना कर दिया गया है। दो व्यापारिक पोत कावारत्ती और कोरल सोमवार को ही कोच्चि से यमन के लिए रवाना किए जा चुके हैं।

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