व्हाइट हाउस पर हैकरों का हमला, रूस पर लगाया आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस के कंप्यूटर नेटवर्क पर हैकरों ने धावा बोला है। इसके चलते कुछ सेवाएं प्रभावित रहीं। लगभग दो हफ्ते पहले हुए
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस के कंप्यूटर नेटवर्क पर हैकरों ने धावा बोला है। इसके चलते कुछ सेवाएं प्रभावित रहीं। लगभग दो हफ्ते पहले हुए इस साइबर हमले के लिए रूसी सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
'वाशिंगटन पोस्ट' ने व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के हवाले से लिखा, 'राष्ट्रपति कार्यालय के कंप्यूटर नेटवर्क पर हुए इस हमले से सरकार चौकन्ना है। कुछ सेवाएं प्रभावित हुई हैं। हमने साइबर सुरक्षा की जांच शुरू कर दी है। मगर हमलावर सिस्टम को नुकसान नहीं पहुंचा पाए। हमारा मानना है कि हैकर रूसी सरकार के लिए काम कर रहे हैं।' अखबार ने दावा किया कि एफबीआइ, खुफिया सेवा और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी इस मामले की पड़ताल में जुट गई हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस हमले की विस्तृत रिपोर्ट बताई जाएगी। मगर किसी ने भी यह नहीं बताया कि नुकसान कितना हुआ। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने बस इतना कहा कि हैकरों की कोशिश संवेदनशील जानकारियां चुराने की थी। मगर वह इसमें विफल रहे।
हाल की कई अमेरिकी रिपोर्टों में दावा किया गया है कि रूसी सरकार के साथ मिलकर हैकर तमाम प्रतिष्ठित संस्थानों को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। उनके निशाने पर नाटो, यूक्रेन सरकार और अमेरिकी रक्षा कांट्रेक्टर भी हैं।
चीन पर भी लगे हैं आरोप
व्हाइट हाउस पर साइबर हमले का यह कोई पहला मामला नहीं है। 2012 में चीन पर अमेरिका ने राष्ट्रपति भवन और सेना के परमाणु कमांड विंग के कंप्यूटर तंत्र पर हैकिंग हमले का आरोप लगाया था। इसे अमेरिका पर चीन की ओर से सबसे बड़ा साइबर हमला बताया गया था। मगर चीन इन आरोपों से लगातार इन्कार करता है। उसने भी जवाबी हमले बोलते हुए कई बार दावा किया है कि उसके सैन्य प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हैकरों ने हमला किया।