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फ्रांस में 'मुस्करा' रहीं वृंदावन की विधवाएं

वक्त की मार और अपनों की हिकारत ने विधवाओं और बेसहारा महिलाओं को भले ही मायूस कर दिया, मगर इन्हें आश्रय देने वालों ने इनके चेहरों पर नई रंगत ला दी है। होली-दीपावली जैसे सामाजिक दस्तूरों से सरोकार रखने वाली ये महिलाएं अपने धैर्य और संयम से अब फ्रांस में

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2015 09:02 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2015 09:41 PM (IST)
फ्रांस में 'मुस्करा' रहीं वृंदावन की विधवाएं

जागरण संवाददाता, वृंदावन : वक्त की मार और अपनों की हिकारत ने विधवाओं और बेसहारा महिलाओं को भले ही मायूस कर दिया, मगर इन्हें आश्रय देने वालों ने इनके चेहरों पर नई रंगत ला दी है। होली-दीपावली जैसे सामाजिक दस्तूरों से सरोकार रखने वाली ये महिलाएं अपने धैर्य और संयम से अब फ्रांस में भी मुस्करा रही हैं। वृंदावन में इनके जीवन को कैमरे में कैद करने वाले फ्रेंच फोटोग्राफर ने इनकी फोटो प्रदर्शनी पेरिस में लगाई है, जो वहां कौतूहल बनी है।

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दरअसल, वृंदावन के सरकारी आश्रय सदनों में रहने वाली विधवाओं की छवि दुनियाभर में भिक्षाटन करने वाली महिलाओं के रूप में पेश की जाती रही है, लेकिन फ्रेंच फोटोग्राफर ने इनकी गतिविधियों और टूर से संबंधित फोटो प्रदर्शनी लगाकर इस नकारात्मक छवि को तोड़ने का प्रयास किया है। ये फ्रेंच फ्रीलांस फोटोग्राफर हैं जेवियर जिम्बार्डो। जिम्बार्डो ने पेरिस में इनकी फोटो प्रदर्शनी लगाई है। 30 अक्टूबर से शुरू हुई प्रदर्शनी 11 दिसंबर तक चलेगी। वहां की फोटो गैलरी में इन महिलाओं से संबंधित वे सभी फोटो लगाए गए हैं, जो इनकी छवि बदलने में सहायक होंगे। फोटो गैलरी में यहां भूतगली स्थित सरकारी आश्रय सदन की बि¨ल्डग, महिलाओं के दिल्ली और आगरा में ताजमहल देखने जाने, होली खेलने आदि से संबंधित फोटो भी हैं।

एनजीओ सुलभ इंटरनेशनल के मीडिया प्रभारी मदन झा के अनुसार, जेवियर जिम्बार्डो पिछले साल होली कार्यक्रम की कवरेज के लिये आए थे। तभी से ही उनके मन में इन निराश्रित महिलाओं की फोटो प्रदर्शनी लगाने की इच्छा थी। बकौल झा, फोटो प्रदर्शनी लगवाने में फ्रांस की सरकार भी इस फोटोग्राफर की मदद कर रही है। उन्होंने बताया कि वृंदावन के सरकारी आश्रय सदनों में रहने वाली कुछ निराश्रित महिलाएं फोटो प्रदर्शनी देखने के लिए फ्रांस शीघ्र जाएंगी। इसके लिए नाम शीघ्र तय कर लिए जाएंगे।

पुस्तक भी लिख रहे जिम्बार्डो

जिम्बार्डो सुलभ इंटरनेशनल के मुखिया ¨बदेश्वरी पाठक के संग मिलकर इन महिलाओं पर 'एंजिल्स घोस्ट स्ट्रीट' नाम से पुस्तक भी लिख रहे हैं। यह पुस्तक अंग्रेजी और जर्मन में प्रकाशित होगी। इस पुस्तक में जिम्बार्डो ने भारत में विधवाओं की संख्या 45 मिलियन (साढ़े चार करोड़) बताते हुए इनकी दशा और इसके कारणों के बारे में भी जानकारी दी है।


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