नई तकनीक के जरिए बिना फ्रिज के भी सुरक्षित रह सकेंगे टीके
वैज्ञानिकों ने बिना फ्रिज के ही टीके को सुरक्षित रखने की तकनीक की खोज की है जिससे 100 डिग्री तापमान पर भी टीके को सुरक्षित रखा जा सकता है।
लंदन (प्रेट्र)। तापमान को टीकाकरण के रास्ते में आने वाली सबसे बड़ी रुकावट माना जाता है। टीके और बहुत सी दवाओं में कुछ ऐसे प्रोटीन होते हैं, जो तापमान बढ़ते ही टूट जाते हैं। इसी कारण इन्हें रखने और एक से दूसरी जगह ले जाने के लिए फ्रिज की जरूरत पड़ती है। अब वैज्ञानिकों ने इस समस्या का हल ढूंढ निकाला है।
ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के शोधकर्ताओं ने ऐसी दवाओं को दूरस्थ इलाकों में भेजने का आसान, सस्ता और सुरक्षित तरीका खोजा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सिलिका से बने कवच में रखकर इन दवाओं को 100 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान पर भी सुरक्षित रखना संभव हो सकता है। मिट्टी से मिलने वाली सिलिका में कोई जहरीला प्रभाव नहीं होता। साथ ही यह टीके और दवा के घटकों से कोई क्रिया भी नहीं करती।
शोधकर्ताओं ने बताया कि टीकों को हमेशा फ्रिज में रखना पड़ता है। इन्हें एक से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था करनी पड़ती है, जिसे कोल्ड चेन कहते हैं। कोल्ड चेन में गड़बड़ी के कारण हर साल टीके की लाखों खुराक नष्ट हो जाती हैं। शोधकर्ता एसेल सार्टबाएवा ने कहा, 'प्रोटीन टूटने के बाद बेकार हो जाता है। यह बिल्कुल ऐसा है, जैसे उबले हुए अंडे को फिर से कच्चा अंडा नहीं बनाया जा सकता। ऐसे में सिलिका कवच में इन्हें सुरक्षित रखने की तकनीक टीकों और दवाओं को प्रभावी बनाए रखने के लिए फ्रिज और कोल्ड चेन की महंगी व्यवस्था से निजात दिला सकती है।'