अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में भेजा युद्धपोत
अमेरिकी पोत यूएसएस डेवी ने मिसचीफ रीफ के 20 किमी के दायरे में गश्त किया।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल के पहले 'फ्रीडम ऑफ नेविगेशन' ऑपरेशन के तहत एक नौसैनिक युद्ध पोत विवादित दक्षिण चीन सागर के एक कृत्रिम द्वीप के पास भेजा है। इस कदम से चीन फिर भड़क सकता है।
अमेरिकी पोत यूएसएस डेवी ने मिसचीफ रीफ के 20 किमी के दायरे में गश्त किया। यह रीफ विवादित 14 द्वीपों के समूह स्प्रैटली आइसलैंड्स का हिस्सा है। इस पर चीन समेत कई देश अपना दावा करते हैं। इस तरह का अभ्यास पिछले साल अक्टूबर के बाद पहली बार किया गया है। पेंटागन के प्रवक्ता जेफ डेविस ने वॉल स्ट्रीट जर्नल से कहा, 'हम दक्षिण चीन सागर समेत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत नियमित रूप से अभियान चलाते हैं।
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इस तरह का गश्ती अभियान किसी देश या किसी विशेष जल क्षेत्र का लेकर नहीं है।' एक अन्य अखबार 'द हिल' की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका का 'फ्रीडम ऑफ नेविगेशन' के पीछे का मकसद सिर्फ यही है कि विवादित समुद्री मार्ग खुले रहें। इस कदम से चीन ऐसे समय नाराज हो सकता है जब उत्तर कोरिया पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उससे सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है लेकिन ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इस क्षेत्र के हिस्सों पर अपना दावा करते हैं।
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अमेरिका 1979 से 'फ्रीडम ऑफ नेविगेशन' ऑपरेशन संचालित कर रहा है। उसने इस साल फरवरी में यूएसएस कार्ल विन्सन की अगुआई में एक बेड़ा दक्षिण चीन सागर भेजा था लेकिन चीन के विरोध के चलते उस समय 'फ्रीडम ऑफ नेविगेशन' ऑपरेशन को अंजाम नहीं जा सका था।