मिशनरी संस्थाओं पर अमेरिका करेगा भारत सरकार से वार्ता
धर्म परिवर्तन कराने के आरोपों से घिरी इन मिशनरी संस्थाओं की गतिविधियों पर मोदी सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया हुआ है।
वाशिंगटन (प्रेट्र)। अमेरिका ने कहा है कि भारत में ईसाई मिशनरी संस्थाएं गंभीर संकट का सामना कर रही हैं। उन्हें विदेशों से मिलने वाली आर्थिक सहायता पर रोक लगा दी गई है। कड़ी सरकारी निगरानी के चलते कोलोराडो की गैर सरकारी संस्था कॉम्पेसन इंटरनेशनल ने भारत में कामकाज भी बंद कर दिया है। अमेरिका सरकार इस बाबत भारत सरकार से बात करेगी।
उल्लेखनीय है कि धर्म परिवर्तन कराने के आरोपों से घिरी इन मिशनरी संस्थाओं की गतिविधियों पर मोदी सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया हुआ है। कॉम्पेसन इंटरनेशनल को भारत सरकार ने मई 2016 में प्रायर परमीशन कैटेगरी में डाल दिया था। इस प्रावधान के अनुसार संस्था द्वारा भारत में किसी को भी आर्थिक सहायता देने से पहले उसकी सूचना सरकार को देनी होती है। दिसंबर में अमेरिकी अधिकारियों के कहने के बावजूद भारत के गृह मंत्रालय ने फैसले से पुनर्विचार से इन्कार कर दिया।
अमेरिकी विदेश विभाग के कार्यकारी प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा है कि गैर सरकारी संस्थाएं दुनिया के कई देशों में बेहतरी के लिए काम करती हैं। हर देश में उनके लिए नियम होते हैं जिन्हें स्वीकार करके संस्थाएं काम करती हैं। ये नियम स्पष्ट और पारदर्शी होने चाहिए जिससे काम करने वाली संस्थाओं को अपना काम बंद न करना पड़े। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस मामले को भारत के समक्ष रखेगा।
टोनर ने कहा, विदेशी संस्थाओं के भारत में कामकाज को लेकर बढ़ रही चुनौतियां चिंता में डालने वाली हैं। दुर्भाग्य से हाल के दो सालों में विदेशी धन से चलने वाली गैर सरकारी संस्थाओं के कामकाज में रुकावट आई है। इस मामले को भी कूटनीतिक तरीके से भारतीय अधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा। अमेरिका और भारत के मजबूत रिश्तों के मद्देनजर जरूरी है कि इस तरह के सभी मामलों का निपटारा हो। भारतीय नियमों का पालन करने के लिए हम सब मिलकर कार्य करेंगे लेकिन इसके लिए पारदर्शी व्यवस्था बनानी होगी।
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