भारत विरोधी आतंकवाद को खत्म करे पाक: अमेरिकी विशेषज्ञ
दक्षिण एशियाई मामलों के दो अमेरिकी विशेषज्ञों ने अमेरिकी सांसदों से कहा है कि यदि पाकिस्तान भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी गुटों पर लगाम लगाने के वायदे के अनुरूप काम नहीं करता है तो अमेरिका को किसी भी संभावित भारतीय खतरे के खिलाफ पाकिस्तान की मदद नहीं करनी चाहिए।
नई दिल्ली। दक्षिण एशियाई मामलों के दो अमेरिकी विशेषज्ञों ने अमेरिकी सांसदों से कहा है कि यदि पाकिस्तान भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी गुटों पर लगाम लगाने के वायदे के अनुरूप काम नहीं करता है तो अमेरिका को किसी भी संभावित भारतीय खतरे के खिलाफ पाकिस्तान की मदद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका को इस बात के लिए आश्वस्त करे कि वह अपनी सरजमीं का इस्तेमाल भारत विरोधी आतंकवाद के खिलाफ नहीं होने देगा।
‘स्टडीज कारनेजी एंडोवमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ के उपाध्यक्ष जॉर्ज परकोविक ने बुधवार को सुनवाई के दौरान रणनीतिक बल पर सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति की उपसमिति के सदस्यों को बताया कि अच्छी खबर यह है कि भारत की पाकिस्तानी क्षेत्र में कुछ खास दिलचस्पी नहीं है। लेकिन खतरा इस बात का है कि यदि पाकिस्तान की धरती से भारत के खिलाफ कोई बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दिया गया तो भारत इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकता है। परकोविक ने कहा कि यदि हम पाकिस्तान के भीतर आतंकवाद को कम करने के लिए सहयोग करते हैं तो हम भारत से दूर होते हैं। इसलिए हमें संतुलन बनाने की जरूरत है।
वहीं एक अन्य विशेषज्ञ ए शले टेलिस ने कहा कि पाकिस्तानी सेना उन आतंकी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करने में तत्परता दिखाती है जिससे उन्हें स्वयं खतरा है लेकिन ऐसा ही कुछ भारत विरोधी आतंकी गुटों के साथ नहीं करती। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत के पास एक मजबूत सरकार है और मुंबई हमले जैसी घटना फिर दोहराने पर और भारतीय नागरिकों के दबाव पर दोनों पड़ोसी देशों के बीच युद्ध छिड़ सकता है।
अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बड़े टकराव को टालने के लिए अमेरिका को इस्लामाबाद के साथ मिलकर काम करना होगा कि पाकिस्तान की सरजमीं से भारत के खिलाफ बड़े पैमाने पर आतंकी हमला न हो।
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