एक साल में अमेरिकी जासूसी एजेंसियों का खर्च 41.7 खरब रुपये
अमेरिका की जासूसी एजेंसियों ने 2014 के दौरान 68 अरब डॉलर (लगभग 41.74 खरब रुपये) खर्च किया। यह खर्च पिछले साल के खर्च के लगभग बराबर है।
वाशिंगटन। अमेरिका की जासूसी एजेंसियों ने 2014 के दौरान 68 अरब डॉलर (लगभग 41.74 खरब रुपये) खर्च किया। यह खर्च पिछले साल के खर्च के लगभग बराबर है।
2011 में अमेरिका में देश की 17 खुफिया सेवाओं के मद में हुआ खर्च 80 अरब डॉलर (लगभग 49.1 खरब रुपये) के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि इसके बाद इस खर्च में लगातार कमी आई है।
राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय और रक्षा विभाग की ओर से जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उनके अनुसार इसमें क्रमिक रूप से कमी आई है। ये आंकड़े सितंबर में समाप्त हुए वित्त वर्ष के दौरान खुफिया सेवाओं के लिए कांग्रेस द्वारा पारित कुल धनराशि पर आधारित हैं।
इसमें केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने 50.5 अरब डॉलर (करीब 31 खरब रुपये) खर्च किए जबकि सैन्य खुफिया कार्यक्रमों पर 17.4 अरब डॉलर (करीब 10.7 खरब रुपये) का खर्च हुआ।
2013 में भी इस मद में लगभग 68 अरब डॉलर का खर्च हुआ था। वर्ष 2013 के लिए प्रस्तावित बजट ज्यादा था लेकिन कुछ कटौतियों के कारण इसे कम किया जा सका। अधिकारियों ने खर्चो को लेकर कोई विस्तृत जानकारी मुहैया कराने से इन्कार कर दिया।