सीरिया में बमबारी का रूस ने किया समर्थन, अमेरिका ने बताया 'बर्बरता'
सीरिया में ताबड़तोड़ बमबारी के बाद रूस और अमेरिका यूएनएससी की बैठक में आमने-सामने आ गए हैं। वहां रूस ने इन हमलों का समर्थन किया है वहीं अमेरिका ने इसको बर्बरता बताया है।
संयुक्त राष्ट्र (रॉयटर)। सीरिया में पिछले दो दिनों में हुई ताबड़तोड़ बमबारी के बाद एक बार फिर से रूस और अमेरिका आमने-सामनेे हैं। सीरिया और रूस की सेना ने मिलकर सीरिया में लगातार दो दिनों में करीब 250 हवाई हमले किए हैं। इन हमलों में मारे गए लोगों में ज्यादातर आम नागरिक हैं। इस मुद्दे पर यूएनएससी की आपात बैठक में अमेरिका ने इन हमलों को बर्बरतापूर्ण कार्रवाई करार दिया तो वहीं रूस ने कहा कि इसके बिना सीरिया में शांति संभव नहीं है।
पिछले सप्ताह संघर्ष विराम के विफल होने के बाद सीरिया में शांति बहाली के मुद्दे पर बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अमेरिका और रूस के राजनायिकों के बीच सहमति नहीं बन सकी। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत समांथा पावर ने कहा है कि सीरिया में रूस जो कर रहा है, वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं बर्बरताहै। वहां शांति स्थापना करने की कोशिश की जगह रूस और सीरिया के राष्ट्रपति बसर अल असद वहां युद्ध जारी रखे हुए हैं। वे लोगों की जान बचाने की जगह ये नागरिकों को निशाना बना रहे है। रूस की कार्रवाई में मानवीय सहायता करने वाले समूह और अस्पतालों निशाना बनाया जा रहा है।
इस मुद्दे पर फ्रांस और ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने भी अमेरिका का समर्थन करते हुये रूस पर निशाना साधा। रूस ने हालांकि इन आरोपो को खारिज करते हुये कहा कि सीरिया में सैकड़ों सशस्त्र सेनाएं हैं, जिन्हें हथियार मुहैया कराए जा रहे हैं जिसके चलते वहां पर शांति स्थापित करना मुश्किल है। इसके लिए जरूरी है कि वहां ऐसे लोगों को खत्म किया जाए।
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संयुक्त राष्ट्र के सीरिया संबंधी प्रतिनिधि स्टीफन द मिस्तूरा ने सीरिया में संघर्ष विराम लागू करने के लिये किसी नतीजे पर पहुंचने परिषद से अपील की है। उन्होंने कहा कि मुझे अब भी विश्वास है कि हम सीरिया में बदलाव ला सकते हैं। सीरिया में शांति कायम करने की अपनी कोशिशों को मैं जारी रखूंगा।
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