संस्कृत में प्रार्थना करने पर अमेरिका में बवाल
भारत को धार्मिक सहिष्णुता का पाठ पढ़ाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के अपने ही देश में संस्कृत में प्रार्थना पर हंगामा हो गया।
न्यूयॉर्क । भारत को धार्मिक सहिष्णुता का पाठ पढ़ाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के अपने ही देश में संस्कृत में प्रार्थना पर हंगामा हो गया। इदाहो राज्य के सीनेट में मंगलवार को हुई प्रार्थना का विरोध करने वाले लोग आम आदमी नहीं बल्कि सीनेटर हैं।
यूनिवर्सल सोसायटी ऑफ हिंदूइज्म के अध्यक्ष राजन जेड ने सीनेट में यह पूजा कराई। उन्होंने कहा कि संस्कृत और अंग्रेजी में प्रार्थना का मकसद व्यक्तिगत लाभ की चिंता किए बिना दूसरों की भलाई के लिए सीनेटरों को काम करने के लिए प्रेरित करना था।
सीनेट के प्रोटेम अध्यक्ष ब्रेंट हेल ने उन्हें इसके लिए आमंत्रित किया था। हिल ने कहा, मैंने इस प्रार्थना की समीक्षा की। मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगा। इसमें तो परमेश्र्वर की बात की गई है।
इदाहो स्टेटसमैन अखबार के अनुसार तीन रिपब्लिकन सीनेटर ने इसका बहिष्कार किया। जेड द्वारा प्रार्थना शुरू करने से पहले ही सीनेटर स्टीव विक सदन से बाहर निकल गए। उन्होंने इसे अमेरिका की संस्कृति की तौहीन बताया। एक अन्य सीनेटर शर्ली न्यूकसोल ने अमेरिका को ईसाई राष्ट्र बताते हुए इसका बहिष्कार किया।
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