अमेरिकी मीडिया ने भारत के परमाणु कार्यक्रम में कलाम की भूमिका को सराहा
अमेरिकी मीडिया ने भारत के परमाणु और अंतरिक्ष कार्यक्रम में ‘मिसाइल मैन’ एपीजे अब्दुल कलाम के योगदान पर प्रकाश डालते हुए उन्हें भारत की परमाणु क्षमताओं को जबरदस्त तरीके से आगे बढा़ने वाला वैज्ञानिक करार दिया। कलाम का कल आइआइएम शिलांग में एक व्याख्यान देते समय दिल का दौरा पड़ने
वाशिंगटन। अमेरिकी मीडिया ने भारत के परमाणु और अंतरिक्ष कार्यक्रम में ‘मिसाइल मैन’ एपीजे अब्दुल कलाम के योगदान पर प्रकाश डालते हुए उन्हें भारत की परमाणु क्षमताओं को जबरदस्त तरीके से आगे बढा़ने वाला वैज्ञानिक करार दिया। कलाम का कल आइआइएम शिलांग में एक व्याख्यान देते समय दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया। वह अक्टूबर में 84 वर्ष के होने वाले थे। उनके निधन के बाद से संपूर्ण भारत गहरे शोक में डूब गया है।
न्यूयार्क टाइम्स ने कलाम के निधन की सूचना देते हुए कहा कि वह अपने देश के परमाणु कार्यक्रम को जबरदस्त तरीके से आगे लेकर गए। समाचार पत्र ने कहा, ‘उन्होंने अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल करके भारत के लोगों से अपनी सैन्य क्षमताएं बढा़ने और स्वयं को बाहरी ताकतों की प्रभुता के खतरे से आजाद करने की अपील की।’
‘द टाइम्स’ ने कहा कि कलाम ने भारत के बाहर बहुत कम समय बिताया। उसने कहा, ‘उनके लिए यह गौरव की बात थी कि भारत ने विदेशी शक्तियों की कोई खास मदद लिए बिना अपना बम विकसित किया। उन्होंने स्वयं को पूरी तरह से भारतीय करार दिया।’
‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने कहा कि कलाम को उनके देश के पहले अंतरिक्ष उपग्रह विकसित करने में मदद करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 1980 के दशक में परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम ‘पृथ्वी’ और ‘अग्नि’ बैलिस्टिक मिसाइलों के डिजाइन में मदद की।