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आइएस लड़ाकों के खिलाफ सीरिया में अमेरिका का सीक्रेट ड्रोन अभियान

अमेरिका ने सीरिया में आईएसआईएस के खूंखार नेताओं को निशाना बनाने के लिए एक पृथक एवं गोपनीय ड्रोन अभियान शुरू किया है। वॉशिंगटन पोस्ट में कल एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि सीआईए और सीरिया में मौजूद विशेष अभियान बलों द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2015 01:03 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2015 01:21 PM (IST)
आइएस लड़ाकों के खिलाफ सीरिया में अमेरिका का सीक्रेट ड्रोन अभियान

वॉशिंगटन। अमेरिका ने सीरिया में आईएसआईएस के खूंखार नेताओं को निशाना बनाने के लिए एक पृथक एवं गोपनीय ड्रोन अभियान शुरू किया है। वॉशिंगटन पोस्ट में कल एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि सीआईए और सीरिया में मौजूद विशेष अभियान बलों द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया गया यह अभियान आईएसआईएस के खिलाफ चल रहे व्यापक अमेरिकी सैन्य अभियान से अलग है। खबर में अधिकारी का नाम नहीं दिया गया है।

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अखबार के माध्यम से कहा गया है कि यह कार्यक्रम सीरिया में जारी युद्ध में सीआईए की बढ़ती भूमिका बताता है और एजेंसी के ‘काउंटर टेरेरिज्म सेंटर’ (सीटीसी) को उस उग्रवादी गुट के खिलाफ मुहिम में शामिल करता है जिसके खतरे को अधिकारी अलकायदा से भी भयावह मानते हैं। खबर में कहा गया है कि सीआईए ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान सहित अन्य क्षेत्रों से ड्रोन विमानों और कर्मियों को वापस बुला लिया है जहां अमेरिकी सैनिकों की वापसी और अलकायदा के खिलाफ एजेंसी के ड्रोन अभियान की गति बिल्कुल धीमी हो जाने की वजह से संसाधनों की अधिक जरूरत नहीं है।

इसमें यह भी बताया गया है कि सीआईए केवल सीरिया के उपर ही ड्रोन उड़ा रही है, इराक के उपर नहीं। गौरतलब है कि इराक में भी इस्लामिक स्टेट की उल्लेखनीय मौजूदगी है। आईएसआईएस के खूंखार नेता, उसके कर्ता-धर्ता और आंतकी नेटवर्क बनाने के प्रयासों में लिप्त संदिग्ध इस अभियान का निशाना हैं।

पिछले साल अगस्त के महीने में ही अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीरिया पर निगरानी ड्रोन उड़ाने की इजाज़त दी थी। सूत्रों के मुताबिक इसका मकसद आईएस के चरमपंथियों के बारे में ख़ुफ़िया जानकारी हासिल करना था और इसे सीरिया में अमरीकी हवाई हमलों की ओर अहम पहला कदम माना जा रहा है।

अमरीकी प्रशासन की चिंता ये है कि वह सीरियाई राष्ट्रपति असद की मदद किए बिना सुन्नी चरमपंथियों को कमज़ोर करना चाहता है इसलिए ही खुफिया ड्रोन अभियान चलाया गया।

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