मोदी सरकार में बढ़े अल्पसंख्यकों पर हमलेः अमेरिकी सांसद
अमेरिका के एक सांसद और चार विशेषज्ञों की समिति ने बुधवार को भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की निंदा की। साथ ही, अपील की कि अमेरिकी प्रशासन भारत की नई सरकार के साथ बातचीत में मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा भी शामिल करे।
वाशिंगटन। अमेरिका के एक सांसद और चार विशेषज्ञों की समिति ने बुधवार को भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की निंदा की। साथ ही, अपील की कि अमेरिकी प्रशासन भारत की नई सरकार के साथ बातचीत में मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा भी शामिल करे।
टॉम लेंटोस ह्यूमन राइट्स कमीशन व अमेरिकी सिख कांग्रेसनल कॉकस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में विशेषज्ञों के बयान और भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर भाषणों से जुड़ी मुद्रित सामग्री बांटी गई। इसमें गुलाम कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है।
सांसद व अमेरिकी सिख कांग्रेसनल कॉकस के सह अध्यक्ष पैट्रिक मीहान ने सुनवाई की शुरुआत करते हुए आरोप लगाया कि हाल के महीनों में भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा बढ़ गई है। उन्होंने इसे एक गंभीर चिंता का मुद्दा करार दिया। मीहान व आमंत्रित विशेषज्ञों ने राष्ट्रपति बराक ओबामा के इस साल की शुरुआत में अपनी भारत यात्रा के दौरान वहां धार्मिक एवं मानवाधिकारों का मुद्दा उठाने के लिए सराहना की।
पंजाब विश्वविद्यालय के इतिहास के एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर गुरदर्शन सिंह ढिल्लन ने आरोप लगाया कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सत्ता में आई है, तब से हिंदू वादी ताकतें अपनी ताकत के गुमान में हठधर्मिता का ज्यादा प्रदर्शित करने लगी हैं। एम्सटर्डम विश्वविद्यालय के शोध निरीक्षक जोशव राजा ने आरोप लगाया कि भारत में कुछ हिंदूवादी ताकतें ईसाइयों को निशाना बना रहीं हैं और भाजपा सरकार इसका समर्थन कर रही है।
उन्होंने ईसाई अल्पसंख्यकों की शिकायतों की देखने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर कमेटी गठित करने की मांग की। उन्होंने मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद 192 ईसाई संस्थानों और चर्चों पर हमला होने का दावा किया। साथ ही, अमेरिकी सरकार से भारत सरकार पर विदेशी ईसाई शिक्षकों और धर्मशास्त्रियों के भारत के छात्रों को पढ़ाने पर लगा प्रतिबंध हटाने के लिए अपना प्रभाव डालने का आग्रह किया।
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