अमेरिकी कांग्रेस ने पाकिस्तान की आर्थिक मदद पर थोपी शर्ते
अमेरिकी कांग्रेस ने पाकिस्तान को दी जाने वाले लाखों डॉलर की सहायता राशि पर शर्त लगा दी है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी कांग्रेस ने आर्थिक मदद के लिए पाकिस्तान पर शर्ते थोप दी है। हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ ठोस कार्रवाई प्रमाणित होने तक पाकिस्तान को 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता नहीं दी जाएगी। इस्लामाबाद के ठोस कदम का प्रमाण अमेरिकी रक्षा मंत्री देंगे।
हक्कानी नेटवर्क पर अफगानिस्तान में अमेरिकी हितों को निशाना बनाने का आरोप है। इस आतंकी संगठन ने भारतीय हितों पर कई खतरनाक हमले किए हैं। 2008 में काबुल में भारतीय दूतावास पर हुए हमले में 58 लोग मारे गए थे।सीनेट में गुरुवार को 2017 नेशनल डिफेंस अथराइजेशन एक्ट (एनडीएए) सात के मुकाबले 92 मतों से पारित हुआ। 90 करोड़ अमेरिकी डॉलर के गठबंधन समर्थन कोष (सीएसएफ) से 40 करोड़ डॉलर जारी होने के लिए पाकिस्तान पर चार शर्ते थोपी गई हैं।
पिछले सप्ताह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा से 34 के मुकाबले 375 मतों से पारित एनडीएए 2017 अब राष्ट्रपति बराक ओबामा के पास भेजा जाएगा।एनडीएए-2017 की शर्तेरक्षा मंत्री कांग्रेस को यह प्रमाण देंगे कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के सुरक्षित ठिकाने और कामकाज को बाधित किया है। इस समूह को पाकिस्तानी जमीन का इस्तेमाल रोकने वाले कदम उठाए हैं। अफगान-पाक सीमा पर हक्कानी नेटवर्क की गतिविधि रोकने में अफगानिस्तान का सक्रिय रूप से साथ दे रहा है।
हक्कानी नेटवर्क के वरिष्ठ और मध्य स्तर के नेताओं को गिरफ्तार कर कठघरे में खड़ा कर रहा है।पहले भी रोकी गई थी मददरक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने इसी वर्ष पाकिस्तान को प्रमाण पत्र देने से इन्कार कर दिया था। रक्षा मंत्री के इन्कार करने से पाकिस्तान को सीएसएफ के तहत 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद नहीं दी गई।
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अफगानिस्तान पर नीति नहीं बदलेगा अमेरिका
काबुल : रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने कहा है कि अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका अपनी नीति पर कायम रहेगा। फिर से तालिबान के सक्रिय हो जाने से अफगानिस्तान संकट का सामना कर रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति को लेकर पूछे गए सवाल का उन्होंने जवाब दिया। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका 'राष्ट्र निर्माण' करना बंद कर दे। रक्षा मंत्री यहां अमेरिकी सैनिकों और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घानी से मुलाकात करने पहुंचे हैं।
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