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भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता के पक्ष में है अमेरिका

अमेरिका ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान से दोनों देशों के बीच लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने का आग्रह किया है। साथ ही, भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों के उपयोग के बारे में एक पाकिस्तानी अधिकारी की रिपोर्ट टिप्पणी की निंदा है।

By Sachin kEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2015 12:57 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2015 04:33 PM (IST)
भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता के पक्ष में है अमेरिका

वाशिंगटन। अमेरिका ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान से दोनों देशों के बीच लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने का आग्रह किया है। साथ ही, भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों के उपयोग के बारे में एक पाकिस्तानी अधिकारी की रिपोर्ट टिप्पणी की निंदा है।

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अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने पत्रकारों से कहा कि दोनों देशों को मिल-बैठकर आपसी विवाद सुलझा लेने चाहिए। साथ ही, पाकिस्तान व परमाणु हथियार रखने वाले सभी अन्य देशों से कहा कि वे अपनी परमाणु क्षमताओं के विस्तार पर अंकुश लगाएं। अमेरिका की इस सलाह से पहले दो अमेरिकी विचार समूहों ने कहा कि पाकिस्तान के पास करीब एक दशक में परमाणु हथियारों का तीसरा सबसे बड़ा भंडार हो सकता है।

किर्बी ने कहा कि हम पाकिस्तान समेत परमाणु हथियार रखने वाले सभी देशों से अपील करते हैं कि वे अपनी परमाणु क्षमताओं के विस्तार पर अंकुश लगाएं। किर्बी से शीर्ष अमेरिकी विचार समूहों की उस रिपोर्ट के बारे में सवाल किया गया था, जिसके अनुसार एक दशक में पाकिस्तान के पास 350 से अधिक परमाणु हथियार होंगे और यह अमेरिका व रूस के बाद परमाणु हथियारों का तीसरा सबसे बड़ा भंडार होगा। प्रवक्ता ने इस प्रश्न के उत्तर में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि अमेरिका को दक्षिण एशिया के दोनों पड़ोसी देशों के बीच बातचीत शुरू नहीं हो सकने से निराशा हुई है। लेकिन, दोनों देशों के लिए आपसी बातचीत ही सही रास्ता है, जिस पर उन्हें चलना है।

उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है, जिसे देखते हुऐ दोनों देशों के नेताओं के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी समस्याओं के हल के लिए बातचीत शुरू करें। किर्बी ने कहा कि भारत व पाकिस्तान के लिए अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के समय भी बातचीत के लिए उपयुक्त अवसर है। दोनों देशों को इस अवसर का लाभ उठाने पर विचार करना चाहिए।

किर्बी ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि कश्मीर को लेकर अमेरिका के रूख में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। दोनों देशों को आपस में मिलकर ही इस समस्या को हल करना है।

गौरतलब है कि गत 23 अगस्त को दिल्ली में भारत और पाकिस्तान के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) वार्ता नहीं हो सकी थी।

पढ़ेंः बातचीत रद होने पर संयुक्त राष्ट्र पहुंचा पाकिस्तान


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