आइएस के खिलाफ साझा संघर्ष में शामिल होना भारत की मर्जी
अमेरिका चाहता है कि खूंखार आतंकी संगठन आइएस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन में भारत भी शामिल हो। लेकिन साथ ही उसका यह भी कहना है कि इस बारे में फैसला लेना भारत का काम है।
वाशिंगटन। अमेरिका चाहता है कि खूंखार आतंकी संगठन आइएस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन में भारत भी शामिल हो। लेकिन साथ ही उसका यह भी कहना है कि इस बारे में फैसला लेना भारत का काम है।
दक्षिण व मध्य एशिया के लिए अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिसवाल के अनुसार, भारत व अमेरिका के बीच आतंकवाद खासकर आइएस के कारण पैदा हुए खतरों को लेकर गंभीर चर्चाएं हुई हैं, लेकिन यह भारत को तय करना है कि वह आइएस के खिलाफ साझा संघर्ष छेड़ने के लिए बने अंतरराष्ट्रीय गठबंधन शामिल होता है या नहीं। यह नई दिल्ली की मर्जी पर निर्भर है।
निशा ने गुरुवार को पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में यह बात कही। उनका कहना था कि भारत अंतरराष्ट्रीय गठबंधन में शामिल होता है या फिर कोई और कदम उठाता है। लेकिन हम आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में दोनों देशों के बीच गहराते रिश्तों का स्वागत करते हैं।
बिसवाल के मुताबिक, भारत व अमेरिका के बीच आतंकवाद के मुद्दे पर आपसी समझ काफी बढ़ी है और दोनों देश इस दिशा में काफी सकारात्मक कदम उठा रहे हैं।