Move to Jagran APP

ब्रिटिश संसद से ब्रेक्जिट बिल पारित

इस बिल पर संसद के ऊपरी सदन हाउस ऑफ लार्ड में प्रधानमंत्री को दो बार हार का सामना करना पड़ा था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 14 Mar 2017 06:30 PM (IST)Updated: Tue, 14 Mar 2017 07:23 PM (IST)
ब्रिटिश संसद से ब्रेक्जिट बिल पारित
ब्रिटिश संसद से ब्रेक्जिट बिल पारित

लंदन, प्रेट्र। ब्रिटिश संसद ने ब्रेक्जिट बिल पारित कर दिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री टेरीजा मे को यूरोपीय संघ से ब्रिटेन को बाहर निकालने की दिशा में कदम बढ़ाने का अधिकार मिल जाएगा। इस बिल पर संसद के ऊपरी सदन हाउस ऑफ लार्ड में प्रधानमंत्री को दो बार हार का सामना करना पड़ा था। निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स ने यूरोपीय संघ (बाहर निकलने की अधिसूचना) बिल को बिना कोई बदलाव के ही पारित किया है।।

loksabha election banner

हाउस ऑफ कॉमन्स ने सोमवार को पारित बिल में हाउस ऑफ लार्ड द्वारा किए गए दोनों संशोधनों को दरकिनार कर दिया। संसद के ऊपरी सदन ने सरकार से ब्रेक्जिट वार्ता शुरू होने के तीन माह के भीतर यूरोपीय संघ के नागरिकों के अधिकार की रक्षा करने की मांग की थी। दूसरे संशोधन में हाउस ऑफ लार्ड ने किसी ब्रेक्जिट समझौते पर संसद में सार्थक मतदान की मांग की थी।

यह भी पढ़ें- 6 महीने में दूसरी बार US कांग्रेस में बिल पेश, PAK को करार दो आतंकी देश

निचले सदन से पारित होने के बाद अब बिल को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पास भेजा जाएगा। उनकी सहमति के बाद यह कानून बन जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री टेरीजा इसी सप्ताह लिस्बन समझौते के अनुच्छेद 50 सैद्धांतिक रूप से काम शुरू कर सकती हैं। अनुच्छेद 50 में फेरबदल करने की सीमा मार्च में समाप्त हो जाएगी।

यह भी पढ़ें- शीर्ष कोर्ट से हटाई गईं भ्रष्‍टाचार के आरोपों से घिरी दक्षिण कोरिया की राष्‍ट्रपति

स्कॉटलैंड में जनमत संग्रह की मांग उठाई 

स्कॉटलैंड की फ‌र्स्ट मिनिस्टर निकोला स्टर्गन ने कहा कि वह संसद से स्कॉटलैंड की ब्रिटेन से स्वतंत्रता पर जनमत संग्रह कराने की मांग करेंगी। स्टार्गन 2018 के दूसरे और 2019 के पहले हिस्से में जनमत संग्रह कराने की इच्छा है। इससे स्कॉटलैंड ब्रेक्जिट के बाद यूरोपीय संघ के साथ अपना रिश्ता बनाए रखने की इच्छा जाहिर कर सकेगा। यदि स्टार्गन के प्रस्ताव को संसद की मंजूरी मिलती है तो स्कॉटलैंड की आजादी पर दूसरी बार जनमत संग्रह कराया जाएगा। वर्ष 2014 में हुए जनमत संग्रह में क्षेत्र ने ब्रिटेन का हिस्सा रहने का समर्थन किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.