तुर्की मेें मीडिया पर कसा शिकंजा, हिरासत में लिए गए 42 पत्रकार
तुर्की में 42 पत्रकारों को हिरासत में ले लिया गया है। इसमें जानेमाने पत्रकार नाजली भी शामिल हैं। वहीं तुर्की एयरलाइंस ने अपने करीब सौ से अधिक कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया हैै।
अंकारा (राॅॅयटर)। तुर्की ने तख्तापलट में लिप्त लोगों पर शिकंजा कसने की कड़ी में अब मीडिया को निशाना बनाया है। 42 पत्रकारों के खिलाफ सोमवार को गिरफ्तारी वारंट जारी करने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। इसमें जानेमाने पत्रकार नाजली इलिकाक भी शामिल हैं। उन्हें 2013 में सरकार समर्थित अखबार सबाह से निकाल दिया गया था। उन्होंने भ्रष्टाचार में फंसे कई मंत्रियों की आलोचना की थी। उस समय भी सरकार ने भ्रष्टाचार मामले के लिए गुलेन को जिम्मेदार ठहराया था।
इस बीच, विदेश मंत्री ने कहा है कि गुलेन को प्रत्यर्पित नहीं करने पर अमेरिका के साथ संबंधों पर असर पड़ेगा। कुछ राजदूतों को भी हटाया जाएगा। वहीं तुर्की एयरलाइंस ने भी अपने सौ से अधिक कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। इन पर तख्तापलट केे षड़यंत्र में शामिल होने का शक है।
ताजा कार्रवाई में पुलिस ने मिलेट्री एकेडमी से 40 संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है। लड़ाकू विमान की एक महिला पायलट केरिम कुमास को भी पकड़ा गया है। केरिम ने यह कुबूल किया है कि तख्तापलट के प्रयास की रात उन्होंने हेलीकॉप्टर से विद्रोहियों को फुटबाल के मैदान में उतारा था। इस बीच लंदन में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पकड़े गए लोगों को यातना दिए जाने का दावा किया है।
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इस बीच यूरापियन यूनियन के कमिश्नर जेसी जंकर नेे साफ कर दिया है कि फिलहाल तुर्की को ईयूू का सदस्य नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तुर्की काफी समय से इसके लिए जद्दोजहद कर रहा है। लेकिन बदलती परिस्थितियों में फिलहाल यह मुमकिन नहीं है।
गौरतलब है कि तुर्की की सरकार ने 15 जुलाई को तख्तापलट को नाकाम करने के बाद बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है। इसमें अब तक 13 हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके पीछे अमेरिका में रह हरे मुस्लिम धर्मगुरु फतुल्लाह गुलेन का हाथ होने का दावा किया गया है।
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