Move to Jagran APP

डोनाल्ड ट्रंप के गले की फांस बनी रूस से करीबी

पता चला है कि ये जानकारियां अमेरिका को इजरायल ने दी थी। शुरुआत में ट्रंप प्रशासन ने जानकारी साझा करने से इन्कार किया था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 17 May 2017 08:38 PM (IST)Updated: Wed, 17 May 2017 08:38 PM (IST)
डोनाल्ड ट्रंप के गले की फांस बनी रूस से करीबी
डोनाल्ड ट्रंप के गले की फांस बनी रूस से करीबी

वाशिंगटन, प्रेट्र। रूस के साथ करीबी संबंधों की ख्वाहिश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गले की फांस बनती जा रही है। पता चला है कि ट्रंप ने फरवरी में इस्तीफा देने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन के साथ रूस के संबंधों की जांच बंद करने के लिए एफबीआइ के पूर्व प्रमुख जेम्स कोमी पर दबाव डाला था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने मंगलवार को इसका पर्दाफाश किया। ह्वाइट हाउस ने रिपोर्ट का खंडन किया है।

loksabha election banner

इससे एक दिन पहले वाशिंगटन पोस्ट ने बताया था कि ट्रंप ने आतंकी संगठन आइएस से जुड़ी बेहद गोपनीय जानकारियां रूस के साथ साझा की थी। पता चला है कि ये जानकारियां अमेरिका को इजरायल ने दी थी। शुरुआत में ट्रंप प्रशासन ने जानकारी साझा करने से इन्कार किया था।

यह भी पढ़ें: आस्ट्रेलिया भी लगाएगा उड़ान में लैपटॉप के इस्तेमाल पर बैन

बाद में ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि राष्ट्रपति होने के नाते ऐसा करने का उन्हें अधिकार है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट ने राष्ट्रपति की कार्यप्रणाली को फिर से सवालों के घेरे में ला दिया है। फरवरी में ह्वाइट हाउस में हुई एक बैठक के बाद कोमी ने मेमो में लिखा था, राष्ट्रपति फ्लिन और उनके रूसी संपर्को से जुड़ी जांच बंद करने को कह रहे हैं। मेमो को पढ़ने वाले सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया है। फ्लिन के इस्तीफे के अगले दिन यह बैठक हुई थी।

यह भी पढ़ें: ऊबड़-खाबड़ रास्ते पर भी चलेगा चार पैरों वाला रोबोट

मांगे दस्तावेज

सत्ताधारी रिपब्लिकन पार्टी और विपक्षी डेमोक्रेटिक दल ने मामले की जांच की मांग की है। प्रतिनिधि सभा की निगरानी समिति के अध्यक्ष जेसन चेफैत्ज ने एफबीआइ से ट्रंप और कोमी के बीच हुए हर संवाद के दस्तावेज मांगे हैं। इसके लिए एफबीआइ को 24 मई तक का समय दिया गया है। प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष पॉल रेयान ने चेफैत्ज के रुख का समर्थन किया है। रेयान और चेफैत्ज दोनों रिपब्लिकन पार्टी से हैं।

इजरायल साथ

इजरायल ने कहा है कि रूस के साथ गोपनीय सूचनाएं साझा करने के मामले का अमेरिका के साथ उसके संबंधों पर कोई असर नहीं होगा। अमेरिका में इजरायल के राजदूत रॉन डरमर ने कहा कि उनके देश को ट्रंप प्रशासन पर पूरा भरोसा है।

राष्ट्रपति का उत्पीड़न कर रही है अनिर्वाचित नौकरशाही

ट्रंप की टीम ने 'अनिर्वाचित नौकरशाही' पर राष्ट्रपति के खिलाफ गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। 'द ट्रंप मेक अमेरिका ग्रेट अगेन कमेटी' ने समर्थकों को 'सबोटेज (गड़बड़ी करना)' शीर्षक से एक ईमेल भेजा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट सामने आने के एक घंटे से भी कम समय के भीतर यह मेल किया गया। इसमें कहा गया है, आप पहले से ही जानते हैं कि मीडिया हमें बाहर करना चाहता था। दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारी अनिर्वाचित नौकरशाही के भीतर भी ऐसे लोग हैं जो राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिका फ‌र्स्ट आंदोलन के खिलाफ गड़बड़ी करना चाहते हैं। ऐसे लोग अमेरिका फ‌र्स्ट नहीं चाहते। वे पहले खुद को संपन्न करना चाहते हैं और देश के बाकी लोग उनके लिए मायने नहीं रखते।

घटनाक्रम

-रूस पर ट्रंप की जीत सुनिश्चित करने के लिए बीते साल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप है। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने मॉस्को के साथ करीबी संबंधों की पैरोकारी की थी। हालांकि सीरिया को लेकर दोनों देशों में इस समय तनाव चरम पर है।

-रूस के साथ ट्रंप टीम के संबंधों की जांच के बीच ही पिछले सप्ताह कोमी को उनके पद से हटाया गया था। ट्रंप ने उन्हें एजेंसी का नेतृत्व करने में अक्षम बताया था।

-अमेरिका में रूसी राजदूत के साथ हुई बातचीत के बारे में उपराष्ट्रपति माइक पेंस को गलत जानकारी देने का मामला सामने आने के बाद फ्लिन को 14 फरवरी को इस्तीफा देना पड़ा था।

-ह्वाइट हाउस में 10 मई को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिका में रूस के दूत सर्गेई किसलयाक के साथ ट्रंप की बैठक हुई थी। इसी बैठक में गोपनीय सूचनाएं साझा करने का ट्रंप पर आरोप है।

-सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ रिपब्लिकन सांसद जॉन मैक्केन ने पूरे घटनाक्रम की तुलना वाटरगेट से की है। पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने 1973 में वाटरगेट कांड की जांच कर रहे स्वतंत्र विशेष अभियोजक को हटा दिया था। यह विवाद निक्सन के इस्तीफे के बाद समाप्त हुआ था।

-कानूनी जानकारों के अनुसार जांच बंद करने के लिए एफबीआइ को निर्देश देना न्याय में बाधा डालने जैसा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.