कनाडा की तंबाकू कंपनियों पर 79 हजार करोड़ का जुर्माना
तंबाकू के कारण होने वाले कैंसर व मौतों को गंभीरता से लेते हुए कनाडा की अदालत ने तंबाकू कंपनियों पर 12.4 अरब डॉलर (79,292 करोड़ रुपया) का जुर्माना लगाया है। अदालत ने कंपनियों को धूमपान से स्वास्थ्य को होने वाले खतरों की जानकारी नहीं देने का दोषी माना है। कनाडा
ओट्टावा। तंबाकू के कारण होने वाले कैंसर व मौतों को गंभीरता से लेते हुए कनाडा की अदालत ने तंबाकू कंपनियों पर 12.4 अरब डॉलर (79,292 करोड़ रुपया) का जुर्माना लगाया है। अदालत ने कंपनियों को धूमपान से स्वास्थ्य को होने वाले खतरों की जानकारी नहीं देने का दोषी माना है। कनाडा के इतिहास में इसे अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना बताया जा रहा है।
तंबाकू कंपनियां इंपीरियल टोबैको, रॉथमैंस बेंसन एंड हेजेज और जेटीआइ-मैकडोनाल्ड ने कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की बात कही है। धूमपान करने वाले तकरीबन दस लाख लोगों की ओर से क्यूबेक प्रांस की एक अदालत में वर्ष 1998 में दो याचिकाएं दायर की गई थीं। इनमें धूमपान की लत से मुक्ति पाने या फेफड़ों के कैंसर या एंफिसेमा जैसी जानलेवा बीमारी के पीडि़त शामिल थे।
मामले की सुनवाई कुछ दिनों पहले ही शुरू की गई थी। सोमवार के फैसले में कोर्ट ने जुर्माने की राशि याचियों के बीच वितरित करने का निर्देश दिया है। अभियोजन पक्ष ने कंपनियों पर अपने मुवक्किलों को धूमपान से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान और खतरों के बारे में जानकारी नहीं देने की दलील दी थी। कंपनियों पर जिम्मेदारी नहीं निभाने और दस्तावेजों को नष्ट करने का भी आरोप लगाया गया था।
तंबाकू कंपनियों ने कोर्ट के फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए सुनवाई के दौरान पेश सुबूतों की अनदेखी करने की बात कही है। जेटीआइ-मैकडोनाल्ड के मुताबिक कनाडा के नागरिक वर्ष 1950 से ही धूमपान से होने वाले खतरों के बारे में अच्छी तरह से जागरूक हैं। उनके मुताबिक पिछले चालीस वर्षो से सिगरेट के हर पैकेट पर स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी भी दी जा रही है।