धार्मिक आजादी के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा
ट्रंप ने कहा, अमेरिका बहुत पहले से धार्मिक आजादी को बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। धार्मिक आजादी के लिए आतंकवाद सबसे बड़े खतरों में से एक है। बेहतर भविष्य की आशा है और भरोसा है कि हिंदुओं समेत सभी धर्मो के लोग अपनी मान्यताओं के अनुसार पूरी आजादी से पूजा-अर्चना कर पाएंगे। यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेडियो और वेब के अपने साप्ताहिक संबोधन में कही है।
ट्रंप ने कहा, अमेरिका बहुत पहले से धार्मिक आजादी को बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है। हमारे महाद्वीप में शुरू से बहादुर योद्धाओं ने बिना किसी भेदभाव के सदियों से सभी नागरिकों को सुरक्षा दी है। दुर्भाग्य से अन्य ज्यादातर देशों में यह स्थिति नहीं है। वहां पर लोगों को धार्मिक आजादी नहीं है। आतंकवाद उनके लिए बड़ा खतरा है। हाल ही में जब पूरी दुनिया के ईसाई पाम सनडे मना रहे थे, तब मिस्त्र के दो चर्चो पर हमला करके आइएस के आतंकियों ने 45 लोगों को मार डाला और 100 से ज्यादा लोगों को घायल कर दिया। हमने इन बर्बर हमलों की निंदा की।
जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया, उनके प्रति संवेदना का भाव रखते हैं। प्रार्थना करते हैं कि हमें इतनी ताकत और बुद्धि मिले जिससे हम बेहतर कल का निर्माण कर सकें। राष्ट्रपति ने कहा, सभी धर्मो में अच्छे लोग हैं। वे ईसाई, मुस्लिम, यहूदी और हिंदू हो सकते हैं। वे अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा-अर्चना करें। ईश्वर के आशीर्वाद से जीवन हमेशा मौत पर भारी पड़ता है।
जीत हमेशा हार से बड़ी होती है और भय को भरोसा हराता है। यही हमारी उम्मीद का स्त्रोत है और यही हमारे बेहतर भविष्य को लेकर विश्वास है। ट्रंप ने कठिनाई में जी रहे लोगों को संदेश दिया- जो लोग लंबे समय से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, वे जान लें कि व्हाइट हाउस उनके लिए ही लड़ रहा है। यह लड़ाई उस हर अमेरिकी की है, जो किसी वजह से पिछड़ गया है।
यह भी पढ़ें: अफगानिस्तान में सबसे बड़े बम हमले में मरे गए आइएस के 94 आतंकी