कतर के साथ किया जा रहा व्यवहार गैरकानूनी : एर्दोगन
सऊदी अरब और उसके सहयोगियों की मांग खारिज कर चुके एर्दोगन ने कहा कि उनका देश कतर में और सैनिकों की तैनाती पर विचार कर रहा है।
इस्तांबुल, रायटर। तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने चार अरब मुल्कों द्वारा कतर को भेजी गई मांगों की सूची को गैरकानूनी करार दिया है। कहा- कुछ देश समूह बनाकर एक देश पर गलत मांगों को मानने के लिए दबाव डालें, यह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ हैं।
कतर में तुर्की का सैन्य अड्डा खत्म किये जाने की सऊदी अरब और उसके सहयोगियों की मांग खारिज कर चुके एर्दोगन ने कहा कि उनका देश कतर में और सैनिकों की तैनाती पर विचार कर रहा है। इसे कतर के समर्थन में एर्दोगन का अभी तक का सबसे कड़ा बयान माना जा रहा है। इससे पहले एर्दोगन सैन्य अड्डा खत्म किये जाने की मांग को तुर्की के लिए अपमानजनक बता चुके हैं।
सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्त्र ने पांच जून को कतर पर आतंकवाद को मदद करने का आरोप लगाकर संबंध तोड़ने की घोषणा की थी। 23 जून को इन देशों ने कतर को 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा। इन मांगों को मानने पर ही संबंध बहाल करने की शर्त रखी। लेकिन कतर ने इन मांगों को मानने से इन्कार कर दिया है। कतर के समर्थन में तुर्की और ईरान मजबूती के साथ खड़े हुए हैं और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति कर रहे हैं।
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