भारतीय छात्रों पर है ताइवान की नजर
ताइवान के शिक्षा मंत्रालय में डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल एंड क्रास-स्ट्रेट एजुकेशन के उपमहानिदेशक रेबेका लान ने पत्रकारों से इस मुद्दे पर बातचीत की।
ताइपे, आइएएनएस। ताइवान विदेशी छात्रों को आकर्षित करना चाहता है। ताइवान की नजर खास तौर से भारतीय छात्रों पर है। भारत, 10 सदस्यीय दक्षेस के अन्य पांच देशों के साथ ही आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से वाणिज्य, संस्कृति और तकनीक की इच्छा रखने वाला ताइवान चीन पर निर्भरता से मुक्ति चाहता है। इन देशों की मदद से वह आर्थिक विकास के लिए चीन पर निर्भर नहीं रहेगा।
ताइवान के शिक्षा मंत्रालय में डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल एंड क्रास-स्ट्रेट एजुकेशन के उपमहानिदेशक रेबेका लान ने पत्रकारों से इस मुद्दे पर बातचीत की। उन्होंने कहा, 'हमारी नई नीति का मुख्य जोर दक्षिण पूर्व एशिया और भारत से अपने संबंधों को मजबूत करना है। हमारे कई विश्वविद्यालय विश्व में उच्च स्थान रखते हैं। हम चाहते हैं कि इन देशों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में छात्र यहां आएं और अध्ययन करें।'
ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेंग की सरकार ने पिछले वर्ष नई नीति को मंजूरी दी थी। 20वीं सदी में अर्थव्यवस्था के लिहाज से ताइवान का विश्व में 22वां स्थान रहा।
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