सीरिया में शियाओं के बस काफिले पर हमला, 112 मरे
लंदन स्थित मानवाधिकार संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने रविवार को मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है।
बेरुत, रायटर। पांच वर्षो से खूनी संघर्ष से त्रस्त सीरिया में जानलेवा हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा हमला अलेप्पो में शियाओं के एक बस काफिले पर किया गया है। बम धमाके में 112 लोगों के मारे जाने की खबर है। लंदन स्थित मानवाधिकार संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने रविवार को मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है।
हमला शनिवार को किया गया था। बसर अल-असद सरकार और विद्रोहियों के बीच हुए समझौते के तहत इदलिब प्रांत के शिया बहुल अल-फोआ और किफ्राया गांवों में फंसे तकरीबन पांच हजार लोगों को सरकार नियंत्रित क्षेत्र में लाया जा रहा था। इनमें सैकड़ों की संख्या में सरकार समर्थित लड़ाके भी थे। सभी बसें सरकारी गैराज में रुकी थीं जब इन पर हमला किया गया। हमले के वक्त काफिला सरकारी क्षेत्र में प्रवेश के इंतजार में था। हमले की जिम्मेदारी किसी गुट ने नहीं ली है, लेकिन सरकार समर्थित मीडिया के मुताबिक बसों पर शक्तिशाली कार बम से हमला किया गया था। सीरियाई राहत एवं बचाव दल सिविल डिफेंस के कर्मियों ने बताया कि उन्होंने घटनास्थल से सौ शवों को हटाया है।
असद और विद्रोहियों में समझौता
सीरियाई राष्ट्रपति बसर अल-असद और विद्रोहियों के बीच हुए करार के तहत एक-दूसरे के क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने पर सहमति बनी है। अल-फोआ और किफ्राया में फंसे सरकार समर्थित लड़ाकों को इसी करार के तहत निकाला जा रहा है। वहीं, दमिश्क के समीप स्थित मदाया में सीरियाई सेना के घेरे में फंसे दो हजार से ज्यादा विद्रोहियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
ब्रिटिश मंत्री ने असद को बताया आतंकी
लंदन, एएफपी : ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने सीरियाई राष्ट्रपति बसर अल-असद को आतंकवादी करार दिया है। संडे टेलीग्राफ समाचारपत्र में उन्होंने लिखा, 'असद ने रासायनिक हथियार का इस्तेमाल किया जो न केवल खौफनाक है बल्कि आतंकित करने वाला भी है। समय आ गया है जब असद के सहयोगी रूस इन तथ्यों के प्रति सचेत हो जाए। मास्को के पास अब भी समय है कि वह सही पक्ष की तरफदारी करे।'
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