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सूरज का भी था जुड़वा तारा, समय के साथ आकाशगंगा में हुआ विलीन

वैज्ञानिकों ने हमारे सौरमंडल के पड़ोसी तारे अल्फा सेंचुरी समेत बहुत से तारों के साथी की पहचान की है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 19 Jun 2017 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jun 2017 07:00 PM (IST)
सूरज का भी था जुड़वा तारा, समय के साथ आकाशगंगा में हुआ विलीन
सूरज का भी था जुड़वा तारा, समय के साथ आकाशगंगा में हुआ विलीन

लॉस एंजिलिस, प्रेट्र। सूर्य को लेकर चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। अध्ययन के मुताबिक, 4.5 अरब साल पहले अस्तित्व में आते समय सूर्य अकेला नहीं था। उस समय इसके साथ एक और तारा भी बना था। वैज्ञानिकों का कहना है कि हर तारा अपने जुड़वा तारे के साथ पैदा होता है।

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वैज्ञानिकों ने हमारे सौरमंडल के पड़ोसी तारे अल्फा सेंचुरी समेत बहुत से तारों के साथी की पहचान की है। खगोलशास्ति्रयों ने सूर्य के जुड़वा तारे को लेकर भी खोज की और इसे काल्पनिक नाम नेमेसिस (सजा की देवी) दिया। माना जाता है कि इसी की वजह से एक क्षुद्रग्रह धरती से टकराया था और तभी डायनासोर का अंत हो गया था। मगर अभी तक सूरज के इस जुड़वा तारे को खोजा नहीं जा सका है। 

अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ता इस संबंध में अध्ययन कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इस संबंध में मॉडल भी तैयार किया है। शोधकर्ता स्टीवन स्टेलर ने कहा, 'हमें पूरा विश्वास है कि बहुत समय पहले निश्चित तौर पर नेमेसिस अस्तित्व में था। हमने इससे जुड़े मॉडल तैयार किए हैं। सूर्य और इसके जुड़वा तारे के बीच की दूरी सूर्य से नेपच्यून की दूरी की 17 गुना थी। नेपच्यून सूर्य से सबसे दूर स्थित ग्रह है। समय के साथ यह तारा आकाशगंगा में विलीन हो गया।'

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