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पिता की मौत के डर से आत्मघाती हमलावर ने धमाके का इरादा छोड़ा

चरमपंथी संगठन बोको हराम की भेजी किशोरवय लड़की ने शरणार्थी शिविर को धमाके से उड़ाने का इरादा छोड़ दिया जब उसे लगा कि शिविर में मौजूद उसके पिता भी लोगों के साथ मारे जा सकते हैं। लिहाजा, उसने उस जैकेट को उतार फेंका जिसमें बम बंधा हुआ था।

By kishor joshiEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2016 01:04 AM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2016 01:12 AM (IST)
पिता की मौत के डर से आत्मघाती हमलावर ने धमाके का इरादा छोड़ा

अबुजा। चरमपंथी संगठन बोको हराम की भेजी किशोरवय लड़की ने शरणार्थी शिविर को धमाके से उड़ाने का इरादा छोड़ दिया जब उसे लगा कि शिविर में मौजूद उसके पिता भी लोगों के साथ मारे जा सकते हैं। लिहाजा, अपने हैंडलर की निगाह से बचकर उसने उस जैकेट को उतार फेंका जिसमें बम बंधा हुआ था।

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पूर्वोत्तर नाइजीरिया के दिकवा शरणार्थी शिविर को उड़ाने के लिए बोको हराम ने इस लड़की के साथ दो और लोगों को आत्मघाती हमलावर के रूप में भेजा था। लड़की ने अपने दोनों साथियों को भी मनाने की कोशिश की कि वे विस्फोट न करें, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। इन धमाकों में कम से कम 58 लोग मारे गए।बाद में यह लड़की स्थानीय सुरक्षा बलों के हाथ लग गई और अब वह उनकी हिरासत में है। उसने सुरक्षा बलों को बम धमाकों की योजना के बारे में काफी अहम जानकारियां दी हैं ताकि शिविरों में सुरक्षा को मजबूत बनाया जा सके।

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स्थानीय सरकारी क्षेत्र के प्रवक्ता ने बताया कि यह लड़की उन हजारों लोगों में से है, जिन्हें चरमपंथियों ने महीनों से बंधक बनाकर रखा हुआ है। अपने बयान पर यकीन दिलाने के लिए वह लड़की सुरक्षा बलों को उस स्थान पर भी लेकर गई जहां उसने बम लगी हुई अपनी जैकेट फेंकी थी।


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