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इंडोनेशिया के बंदा आचे प्रांत में जबरदस्‍त भूकंप से 97 की मौत, कई इमारतें ढहीं

इडोनेशिया में आए भूकंप से कई इमारतें धराशायी हो गई हैं। इस भूकंप में 97 लोगों की मौत हो गई है।इसकी जानकारी वहां के आर्मी चीफ ने दी है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 08:03 AM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 09:02 PM (IST)
इंडोनेशिया के बंदा आचे प्रांत में जबरदस्‍त भूकंप से 97 की मौत, कई इमारतें ढहीं

जकार्ता, रायटर/एएफपी। इंडोनेशिया में बुधवार तड़के आए शक्तिशाली भूकंप में 97 लोगों की मौत हो गई और 500 से ज्यादा घायल हो गए। 6.5 की तीव्रता वाले भूकंप के झटके सुमात्रा द्वीप के आचे प्रांत में महसूस किए गए। सबसे ज्यादा नुकसान एक लाख 40 हजार की आबादी वाले पीदी जाया जिले में हुआ है।

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अधिकारियों ने बताया कि भूकंप उस वक्त आया जब मुस्लिम बहुल आबादी वाले प्रांत में लोग नमाज की तैयारी कर रहे थे। ध्वस्त हो चुकी और क्षतिग्रस्त इमारतों के मलबों में जीवित लोगों की खोज के लिए बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। आचे प्रांत के सैन्य प्रमुख मेजर जनरल ततांग सुलेमान ने बताया कि राहत और बचाव के काम में एक हजार से ज्यादा जवानों और करीब नौ सौ पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। प्रांत में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। राष्ट्रपति जोको विदोदो गुरुवार को प्रभावित इलाकों का जायजा ले सकते हैं।

बचाव अभियान मुख्य रूप से पीदी जाया जिले के मरुडु पर केंद्रित है। यह शहर भूकंप से पूरी तरह तबाह हो चुका है। बेघरों को तत्काल भोजन और पानी की जरूरत है। बिजली आपूर्ति ठप है। मलबे को हटाने के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है। मरुडु निवासी हस्बी जाया (37) ने बताया कि जब भूकंप आया तब उनका परिवार सो रहा था। उन्होंने कहा, 'हम तत्काल घर से बाहर भागे। मकान ढह गया। सब कुछ पूरी तरह तबाह हो गया। मैंने चारों ओर देखा। पड़ोसियों के घर भी तबाह हो चुके थे।'

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एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि घरों के क्षतिग्रस्त होने और फिर से झटके आने के डर से स्थानीय लोग सड़कों पर रहने को मजबूर हैं। तड़के आए भूकंप के बाद से कम से कम पांच झटके महसूस किए गए हैं। हालांकि सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। आपदा प्रबंधन एजेंसी के स्थानीय प्रमुख पुते मनफ ने बारिश होने पर हालात और खराब होने का अंदेशा जताया है। पीदी जाया उप जिला प्रमुख सैद मुलयादी ने बताया कि अस्पतालों में जगह नहीं है। लोगों का बाहर जमीन पर इलाज किया जा रहा है। कई पीडि़तों को पड़ोसी जिलों में भी भेजा गया है। घायलों में बड़ी संख्या ऐसे बच्चों की है जिनकी हड्डियां टूटी है।

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2004 में हो गया था तबाह

2004 में 9.2 की तीव्रता के भूकंप और सुनामी के कारण यह पूरा इलाका तबाह हो गया था। उस समय इंडोनेशिया में एक लाख 70 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इनमें से करीब एक लाख 20 हजार मौतें आचे में ही हुई थी। गौरतलब है कि इंडोनेशिया भूकंप और ज्वालामुखी के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। यह प्रशांत क्षेत्र के रिंग ऑफ फायर पर स्थित है, जहां टेक्टोनिक प्लेंटे आपस में टकराती रहती हैं।

कच्छ और त्रिनिदाद भी कांपे

गुजरात के कच्छ जिले में भी बुधवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 4.2 थी। अधिकारियों ने बताया कि इससे जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। दूसरी ओर, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और आसपास के कैरबियाई द्वीपों पर मंगलवार को 5.8 की तीव्रता के झटके महसूस किए गए। जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ।

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