राष्ट्राध्यक्षों ने किया बासी व्यंजनों से तैयार भोज
आम तौर पर मुंह जबानी दी जाने वाली शिक्षा को अमल में लाते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने बर्बाद होने वाले बासी व्यंजनों का भोज किया और कराया।
संयुक्त राष्ट्र । आम तौर पर मुंह जबानी दी जाने वाली शिक्षा को अमल में लाते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने बर्बाद होने वाले बासी व्यंजनों का भोज किया और कराया। बासी खाद्य पदार्थों से बने शाकाहारी भोज की जान रहा 'लैंडफिल सलाद'। पर्यावरण को बचाने में सहायक इस दावत को मेजबान संयुक्त राष्ट्र महासचिव मून ने नासिर्फ खुद खाया बल्कि इसे तीस देशों के मेहमान राष्ट्राध्यक्षों को भी परोसा गया।
महासचिव ने भोज में उतारा एजेंडा
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र एक अरसे से भुखमरी दूर करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अहम मंच बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र की 70वीं महासभा में इस एजेंडा पर प्रस्ताव भी अपनाया गया है। लिहाजा, एजेंडे को व्यवहारिक रूप से अमल में लाते हुए रविवार को सतत विकास के लिए हुए 30 नेताओं के सम्मेलन के उपलक्ष्य में विशेष शाकाहारी भोज रखा गया है। इसमें विशेष व्यंजन को परोसा गया जिसे फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद समेत कई दिग्गज नेताओं ने स्वाद लेकर खाया। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवसर पर मौजूद नहीं थे, चूंकि वह कैलीफोर्निया गए हुए थे।
भोजन फेंकने से पर्यावरण भी बर्बाद : मून
इस आयोजन के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने संवाददाताओं को बताया, 'हमारा भोज ऐसे खाने से बनाया गया है जो अन्यथा बर्बाद होता और कचरे में जाता। जिससे जमीन में दबा यह कचरा घातक ग्रीनहाउस गैस मीथेन का उत्सर्जन करता।' उन्होंने कहा कि पर्यावरण को जितना नुकसान परिवहन से होता है उतना ही खाना बनाने और कृषि कार्यो से भी होता है। इसके बावजूद पूरे विश्व भर में पकाए गए भोजन का एक तिहाई हिस्सा हर साल फेंका जाता है। यह मात्रा एक अरब टन ख्राने योग्य भोजन से अधिक है। यह बहुत ही शर्मनाक स्थिति है, पूरी दुनिया में अनेकों लोग भूखे हैं।
कैसे बना लैंडफिल सलाद :
संयुक्त राष्ट्र में नेताओं के औपचारिक शाकाहारी भोज में लैंडफिल सलाद को कटी सब्जियों के बचे-खुचे और अनचाहे टुकड़ों, सब्जियों को उबालने से बचे पानी, सब्जी की बाहरी पत्तियों से बनाया गया था। हरी मटर के कैन में बचा हुआ पानी भी इसमें इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा, अन्य व्यंजनों को भी इस भोज में कुछ इसी अंदाज में पेश किया गया था। बर्गर और फ्राइज भी बची-खुची सब्जियों से ही बनाए गए थे। स्पेंट ग्रेन बे्रड भी बड़ी-बड़ी मशीनों में आटा माढ़ने की प्रक्रिया में बचे आटे से बेक करके बनाई गई थी। इन सबको पकाने में इस्तेमाल किया गया तेल बिना रिफाइंड किया तेल भी छितरे पड़े बीजों से बनाया गया। मीठे व्यंजन कोको हस्क कस्टर्ड भी कोको बीन के बाहरी छिलके को इस्तेमाल करके बनाया गया। इसे बनाने में तेल के लिए बादाम और मूंगफली और स्वाद के लिए कॉफी व चेरी का गूदा मिलाया गया।