Move to Jagran APP

दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया की गश्ती नौका पर गोलिया दागीं

दक्षिण कोरिया की नौसेना ने विवादित समुद्री सीमा में घुसी उत्तर कोरिया की एक गश्ती नौका पर चेतावनी के तहत गोलियां दागीं। उल्लेखनीय है उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया की इस कार्रवाई से महज एक दिन पहले ही लंबी दूरी के रॉकेट का प्रक्षेपण किया था। इससे कोरिया प्रायद्वीप में

By Manoj YadavEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 09:17 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 09:23 PM (IST)
दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया की गश्ती नौका पर गोलिया दागीं

सिओल। दक्षिण कोरिया की नौसेना ने विवादित समुद्री सीमा में घुसी उत्तर कोरिया की एक गश्ती नौका पर चेतावनी के तहत गोलियां दागीं। उल्लेखनीय है उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया की इस कार्रवाई से महज एक दिन पहले ही लंबी दूरी के रॉकेट का प्रक्षेपण किया था। इससे कोरिया प्रायद्वीप में तनाव की स्थिति है।

loksabha election banner

सिओल में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया के पोत ने पीला सागर सीमा को स्थानीय समयानुसार सोमवार सुबह सात बजे से ठीक पहले पार किया। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "दक्षिण कोरियाई नौसेना की ओर से चेतावनी के तहत गोलियां दागे जाने के तुरंत बाद उस पोत से वापस जवाबी कार्रवाई की गई।"

दोनों कोरियाई देशों के बीच की वास्तविक समुद्री सीमा रेखा नदर्न लिमिट लाइन, को उत्तर कोरिया मान्यता नहीं देता। उसका कहना है कि इस सीमा रेखा को अमेरिकी नेतृत्व वाले संयुक्त राष्ट्र के बलों ने वर्ष 1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद एकपक्षीय तरीके से खींच दिया था। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे के द्वारा घुसपैठ किए जाने की शिकायतें करते रहे हैं। साल 1999, 2002 और 2009 में दोनों के बीच सीमित नौसैन्य झड़पें भी हुई थीं।

हालांकि सोमवार की घुसपैठ जैसी घटना आम है और ये बमुश्किल ही गंभीर रूप लेती है। उत्तर कोरिया द्वारा रविवार के रॉकेट प्रक्षेपण के बाद से दक्षिण कोरिया बेहद अलर्ट है। दक्षिण कोरिया का कहना है कि यह रॉकेट प्रक्षेपण दरअसल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण था।

रविवार के इस प्रक्षेपण और पिछले माह किए गए परमाणु परीक्षण के बाद से दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे ने उत्तर कोरिया की ओर से किसी भी अन्य उकसावे को लेकर सतर्कता बढ़ाने पर जोर दिया है।

थाड से भड़का चीन

उत्तर कोरिया के रॉकेट प्रक्षेपण के बाद एशिया में मिसाइल रोधी प्रणाली तैनात करने की होड़ शुरू हो सकती है। यह अंदेशा अमेरिकी अधिकारियों और विशेषज्ञों ने जताया है। टर्मिनल हाई एल्टीट्यूट एरिया डिफेंस (थाड) की तैनाती को लेकर अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच औपचारिक बातचीत जल्द शुरू होने वाली है।

वहीं, जापान भी इसकी तैनाती पर विचार कर रहा है। चीन ने इस पर नाराजगी जताई है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बताया कि बीजिंग ने इस संबंध में अपनी आपत्तियों से अमेरिका और दक्षिण कोरिया को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने का मतलब दूसरे देश की रक्षा हितों को नुकसान पहुंचाना नहीं होता।

हालांकि दोनों देशों ने कहा है कि यदि थाड तैनात किया जाता है तो उसका लक्ष्य केवल उत्तर कोरिया ही होगा। पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस पर संदेह जताया है। अखबार ने कहा है कि सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि थाड की एक बार तैनाती होने के बाद चीनी मिसाइल भी इसकी जद में आ जाएंगे। इससे चीन की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि थाड की तैनाती से चीन का अमेरिका के साथ मतभेद गहरा सकता है। वहीं, दक्षिण कोरिया से भी उसके संबंध बिगड़ सकते हैं। दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार चीन है। यही कारण है कि अब तक वह इस तरह के कदम उठाने से बचता रहा है। पर रविवार को उत्तर कोरिया के प्रक्षेपण के तुरंत बाद दक्षिण कोरिया ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर थाड को लेकर प्रतिक्रिया दी थी। थाड दुनिया की सबसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणालियों में से एक है।

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय चेतावनी को दरकिनार करते हुए उत्तर कोरिया ने रविवार को लंबी दूरी के क्वांगयोंगसांग-4 उपग्रह को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने का दवा किया था। हाइड्रोजन बम परीक्षण के एक महीने बाद उसने यह प्रक्षेपण किया।

पर दक्षिण कोरिया, अमेरिका समेत कई देश इसे रॉकेट की आड़ में मिसाइल परीक्षण मान रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक आपात बैठक में प्रक्षेपण की निंदा करते हुए उत्तर कोरिया को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.