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नौका हादसे में कप्तान ने किया अपने फैसले का बचाव

जिंदो [दक्षिण कोरिया]। दक्षिण कोरिया में हादसे का शिकार हुई नौका के कप्तान ने हिरासत में लिए जाने के बाद अपने फैसले का बचाव किया है। लापरवाही और समुद्री नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कप्तान ली जून सियोक ने यात्रियों को नौका में गड़बड़ी के पहले संकेत मिलने के बावजूद 40 मिनट तक बाहर न निकालने के सवाल पर कहा कि उसने ऐसा सुरक्षा की दृष्टि से किया था।

By Edited By: Published: Sat, 19 Apr 2014 05:33 PM (IST)Updated: Sat, 19 Apr 2014 05:32 PM (IST)
नौका हादसे में कप्तान ने किया अपने फैसले का बचाव

जिंदो [दक्षिण कोरिया]। दक्षिण कोरिया में हादसे का शिकार हुई नौका के कप्तान ने हिरासत में लिए जाने के बाद अपने फैसले का बचाव किया है। लापरवाही और समुद्री नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कप्तान ली जून सियोक ने यात्रियों को नौका में गड़बड़ी के पहले संकेत मिलने के बावजूद 40 मिनट तक बाहर न निकालने के सवाल पर कहा कि उसने ऐसा सुरक्षा की दृष्टि से किया था। उसने कहा कि मुझे लगता था कि इन तेज धाराओं के बीच ऐसा करने से यात्रियों को खतरा हो सकता है।

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जांचकर्ताओं ने नौका के कप्तान और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है। नौका से सबसे पहले भागने वालों में भी कप्तान और उसके साथी शामिल थे। लोगों का कहना है कि कप्तान का ऐसी स्थिति में नौका छोड़ना निंदनीय था जबकि उस नौका में सैकड़ों लोग सवार थे।

इस बीच, लगातार तेज धाराओं और लगभग शून्य दृश्यता के बीच बचाव कार्य में लगे गोताखोर 6,825 टन के सिवोल नौका के निचले हिस्से तक पहुंचने में सफल हो गए हैं। हताश परिजनों से बात करते हुए राष्ट्रीय तटरक्षक दल के डिप्टी डायरेक्टर चोई सैंग ह्वान ने कहा कि गोताखोरों ने नौका तक पहुंचने में सफलता हासिल की है।

उन्होंने वहां खिड़की से कुछ शव देखने का भी दावा किया है, हालांकि उनके पास उपलब्ध औजारों से वे अंदर प्रवेश नहीं कर सके। डूबी हुई नौका के चारों ओर जाल लगा दिया गया है ताकि बचाव प्रक्रिया में शव बहकर दूर न निकल सकें। इस बीच बचाव दल ने नौका के एयर पॉकेट में संभावित लोगों का बचाने की उम्मीद नहीं छोड़ी है।

गौरतलब है कि इस नौका पर कुल 476 यात्री सवार थे, जिनमें से 32 के मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 270 यात्री अब भी लापता हैं। नौका में सवार ज्यादातर बच्चे थे, जो कि छुट्टियां मनाने जा रहे थे। तेज धाराओं और खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

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