रिटेल थेरैपी: मूड सही करने में मदद करेगा शॉपिंग
शॉपिंग की मदद से अपने मूड को सही कर सकते हैं। जब आप शॉपिंग करते हैं और कुछ खरीदते हैं जो आप सच्चे दिल से चाहते हैं तो आपके ब्रेन में डोपामिन का लेबल बढ़ जाता है। डॉक्टर ट्राविस स्टोर्क ने बताया, ‘यदि खरीदारों का आप एमआरआइ स्कैन करते हैं
आज का दिन खराब रहा है... बोझिल व दुखी महसूस कर रहे हैं खुद को तो स्टोर जाएं और शॉपिंग करें खुद के लिए कुछ खरीदें... बस इतना काफी है आपका मूड फिर से सही हो जाएगा।
यह परिणाम एक सर्वे के बाद पाया गया है। TNS ग्लोबल द्वारा किए गए इस सर्वे में 52 प्रतिशत से अधिक अमेरिकी- जिसमें से 64 प्रतिशत महिलाएं व 40 प्रतिशत पुरुष हैं ‘रिटेल थेरैपी’ यानि शॉपिंग में शामिल हुए।
रिसर्च में पाया गया कि जब आप शॉपिंग करते हैं और कुछ खरीदते हैं जो आप सच्चे दिल से चाहते हैं तो आपके ब्रेन में डोपामिन का लेबल बढ़ जाता है। डॉक्टर ट्राविस स्टोर्क ने बताया, ‘यदि खरीदारों का आप एमआरआइ स्कैन करते हैं तो डोपामिन की बढ़ी हुयी मात्रा देख सकते हैं, यह हार्मोन आनंद का सूचक है।’
आप जितना अधिक चीजों को खरीदने से परहेज करते हैं उतना अधिक यह आपको आपकी असफलता की याद दिलाएगा। यह बात एक शोध के जरिए सामने आयी है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि चीजों की खरीदारी यानि शॉपिंग आपको अच्छा अहसास देता है। हालांकि कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिनकी खरीदारी आपकी असफलता की याद दिलाएगी और हो सकता है मूड अच्छा होने के बजाय खराब हो जाए।
अमेरिका के एरिजोना स्टेरट यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर, मोनिका लिसजाक के अनुसार, ढेर सारे रिसर्च के जरिए हमने यही निष्केर्ष निकाल है कि लोगों के मूड अच्छाे करने के लिए शॉपिंग एक अच्छा ऑप्श न है, इसमें व्यमस्तr हो लोग अपनी परेशानी को भूल जाते हैं, उन्होंन इसे 'रिटेल थेरैपी' का भी नाम दिया।'
यदि किसी प्रोजेक्ट में आपको असफलता का मुंह देखना पड़ा है तो निराश और दुखी होकर बैठने से बेहतर है कि आप शॉपिंग पर निकल जाएं। इस शॉपिंग में आप एक किताब भी खरीद सकते हैं जिसमें सफल प्रोजेक्ट बनाने के टिप्स। हो या कुछ और भी अपनी रुचि की चीजें। यह रिसर्च जर्नल ऑफ कंज्यूनमर रिसर्च में छपा था।