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ताइवान भूकंपः मलबे के बीच दबा था बच्चा, बिल्ली ने बचाई जान

ताइवान में आए जबरदस्त भूकंप से यांगकांग जिले की एक 17 मंजिला इमारत महज चार मंजिला मलबे के ढेर में तबदील हो गई। इस मलबे में काफी संख्या में लोग फंसे थे। इनमें हू और उनका परिवार भी था। हू के परिवार को बचाने में एक बिल्ली ने मदद की।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2016 10:21 AM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2016 03:41 PM (IST)
ताइवान भूकंपः मलबे के बीच दबा था बच्चा, बिल्ली ने बचाई जान

ताइवान। 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोए'। यह कहावत कई बार दुनिया के सामने सच बनकर सामने आई है। इस बार ताइवान में कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब एक बच्चे की जान एक बिल्ली की वजह से बचाई गई। दरअसल ताइवान में आए जबरदस्त भूकंप की वजह से याेंगकांग जिले में मौजूद एक 17 इमारत ध्वस्त हो गई थी। कभी दूर से दिखाई देने वाली यह इमारत अब महज चार मंजिला मलबे में तब्दील हो गई थी। ऐसे में राहतकर्मियों के लिए पहली प्राथमिकता यहां फंसे लोगों को निकालने की थी।

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हालांकि राहतकर्मियों ने कई घंटों की मशक्कत के बाद करीब 225 लोगों को यहां से निकाला जिसमें 26 के करीब घायल भी शामिल थे। इसी बहुमंजिला इमारत की दसवीं मंजिल पर हू अपने परिवार के साथ रहते थे। राहत कर्मियों ने उन्हें काफी घंटों की मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाल लिया था। लेकिन उनके परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में अभी तक भी कुछ पता नहीं चल रहा था।

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राहतकर्मी अपने विभिन्न उपकरणों के दम पर मलबे को हटाने और घायलों को निकालने में लगे थे। वहीं दूसरी ओर हू अपने परिजनों को लेकर चिंता में थे। बार-बार आवाजें लगाई जा रही थीं और अपील की जा रही थी कि यदि कोई जिंदा है तो वह आवाज लगाकर इशारा करे, जिससे उसको निकाला जा सके। लेकिन मलबे के ढेर से कोई आवाज नहीं आ रही थी। ऐसे में राहतकर्मियों को एक बिल्ली के म्यांऊ-म्यांऊ करने की आवाज आई।

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हू को जब इसका पता चला तो उन्होंने बताया कि उनके घर में एक पालूत बिल्ली भी थी। आवाज की आेर रुख किया गया और मशीनों की मदद से मलबे को हटाया गया। काफी मेहनत और काफी समय के बाद राहतकर्मी बिल्ली तक पहुंचने में कामयाब हो गए। धीरे-धीरे मलबा हटाया गया और एक राहतकर्मी को अंदर भेजा गया तो उसको वहां पर बिल्ली के साथ एक बच्चे के घायल होने का भी पता चला। राहतकर्मियों ने तुरंत उस बच्चे को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी। वह बच्चा कोई ओर नहीं बल्कि हू का ही बेटा था। वह काफी घायल था जिसके बाद उसको तुरंत अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद हू के दूसरे बेटो को भी जिंदा बचा लिया। एक बिल्ली की वजह से हू के दोनों बेटों की जिंदगी बच गई।

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