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सह अस्तित्व की सोच दुनिया के लिए कल्याणकारीः प्रणब

समुद्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर चिंता के बीच भारत ने गुरुवार को नौवहन की आजादी का आह्वान किया। भारत ने कहा है कि समुद्री क्षेत्र तनाव और प्रतिद्वंद्विता से मुक्त होने चाहिए।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 01:20 AM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 05:52 PM (IST)
सह अस्तित्व की सोच दुनिया के लिए कल्याणकारीः प्रणब

पोर्ट मोरेस्बी, प्रेट्र। असहिष्णुता और अतिवाद पर महात्मा गांधी की सोच आज के समय में भी उपयोगी है। आतंकवाद के इस दौर में हम सह अस्तित्व और परस्पर सम्मान की भावना प्रदर्शित करके दुनिया में शांति व भाईचारे के साथ रह सकते हैं। यह बात शुक्रवार को पापुआ न्यू गिनी की यात्रा पर गए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए कही।

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इससे पहले द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देते हुए भारत ने पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) में 100 मिलियन डॉलर (करीब 664 करोड़ रुपये) के निवेश का प्रस्ताव रखा। इससे मित्र देश में ऊर्जा की सुरक्षा और आधारभूत ढांचे का विकास संभव हो सकेगा। दोनों देश प्रशांत क्षेत्र के इस देश में मिलकर तेल और गैस निकालने और उसके शोधन पर सहमत हो गए हैं। यह फैसला राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पापुआ न्यू गिनी के उनके समकक्ष सर माइकल ओचिओ के साथ बैठक में हुआ।

भारत ने मित्र देश को तटवर्ती इलाकों पर नजर रखने के लिए रडार और तटवर्ती इलाकों की सुरक्षा के लिए गश्ती नौका देने का भी प्रस्ताव रखा है। इससे पापुआ न्यू गिनी की समुद्री सुरक्षा मजबूत हो सकेगी। प्रणब के दो दिवसीय दौरे में दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय व अंतरराष्ट्रीय मसलों पर चर्चा हुई। इनमें खासतौर से आतंकवाद और सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का मसला शामिल है। अपने दौरे में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी वार मेमोरियल भी गए और वहां पर द्वितीय विश्वयुद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। ये सैनिक ब्रिटिश सेना की ओर से लड़े थे।

तमिलनाडु के मुथुवेल बने गवर्नर
20 साल पहले नौकरी का एक विज्ञापन देखकर पापुआ न्यू गिनी गए तमिलनाडु के शिवाकासी जिले के ससिंद्रन मुथुवेल (41) अब वहां के गवर्नर बन गए हैं। वह भारतीय मूल के पहले गवर्नर हैं। मुथुवेल बताते हैं कि वह एक रिटेल शॉप के मैनेजर के रूप में कार्य करने के लिए पापुआ न्यू गिनी आए थे। सोचा था कि यह स्थान ऑस्टे्रलिया के नजदीक है। थोड़े दिनों के बाद मौका देखकर वहां चले जाएंगे। लेकिन जल्द ही यहां की स्थितियां अच्छी लगने लगीं। खुद की एक दुकान खोली और फिर उसे शृंखला में विस्तार दे दिया।

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