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ईयू की सदस्‍यता गंवाना नहीं चाहता स्‍कॉटलैंड, बने रहने की कवायद शुरू

स्‍कॉटलैंड ने अपने ईयू में बने रहने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत सरकार लोगों में आमराय बनाने की कोशिश करेगी। स्‍कॉटलैंड ईयू से अपनी सदस्‍यता गंवाना नहीं चाहता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 08:35 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 08:47 PM (IST)
ईयू की सदस्‍यता गंवाना नहीं चाहता स्‍कॉटलैंड, बने रहने की कवायद शुरू

एडिनबर्ग (रायटर)। यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के फैसले के बाद ब्रिटेन में टूट का खतरा पैदा हो गया है। स्कॉटलैंड की स्थानीय सरकार ने ईयू में बने रहने की मुहिम शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत ब्रिटेन से अलग होने के लिए जनमत संग्रह कराने के विकल्प पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। फ‌र्स्ट मिनिस्टर निकोला स्ट्रूगन ने आज अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ बैठक के बाद यह जानकारी दी।

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उन्होंने कहा कि स्कॉटलैंड अपनी ईयू सदस्यता गंवाना नहीं चाहता। वह इसमें बने रहने की सभी संभावनाओं को तलाशेगा। इसके लिए घर और बाहर आम राय बनाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि सदस्यता को लेकर हम ईयू के संस्थानों और सदस्य देशों से तत्काल बातचीत चाहते हैं। सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति भी बनाई है जो सदस्यता को लेकर स्कॉटलैंड की सरकार को सुझाव देगी।

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गौरतलब है कि ब्रिटेन से स्कॉटलैंड के अलग होने को लेकर 2014 में जनमत संग्रह कराया गया था। उस समय 55 फीसद मतों से लोगों ने इसे खारिज कर दिया था। लेकिन, गुरुवार को ईयू की सदस्यता पर हुए जनमत संग्रह के बाद से स्कॉटलैंड में फिर से इस मांग ने जोर पकड़ ली है। स्कॉटलैंड के 62 फीसद मतदाताओं ने ब्रिटेन के ईयू में बने रहने के पक्ष में वोट किया था।

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