ब्लैकहोल में तारे के समाने की पहली झलक
ब्लैकहोल में एक तारे के समाने की पहली झलक सामने आई है। यह घटना पृथ्वी से तकरीबन 30 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित आकाशगंगा में हुई है। इस प्रक्रिया के दौरान प्रकाश की गति से घूमने वाले ज्वलनशील पदार्थ का उत्सर्जन होते भी देखा गया है।
वाशिंगटन। ब्लैकहोल में एक तारे के समाने की पहली झलक सामने आई है। यह घटना पृथ्वी से तकरीबन 30 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित आकाशगंगा में हुई है। इस प्रक्रिया के दौरान प्रकाश की गति से घूमने वाले ज्वलनशील पदार्थ का उत्सर्जन होते भी देखा गया है।
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के जोएर्ट वान वेलजेन ने बताया कि अति विशालकाय ब्लैकहोल के समीप जाते ही गुरुत्वाकर्षण बल के चलते तारे ने अपना रास्ता बदल लिया और उसमें समा गया। वेलजेन के मुताबिक किसी भी तारे के नष्ट होने की घटना को पहली बार देखा जा सका है। घटना का निरीक्षण कई महीनों से किया जा रहा था।
मालूम हो कि ब्लैकहोल आकाशगंगा का वह क्षेत्र है जहां गुरुत्वाकर्षण बल की अधिकता के चलते कोई भी पदार्थ यहां तक प्रकाश भी बचकर नहीं निकल सकता है। इन परिस्थितियों के चलते इसके प्रभाव क्षेत्र में आने पर गायब होने वाले पदार्थों को अब तक नहीं देखा जा सका था। हालांकि, खगोलविदों ने पूर्व में भविष्यवाणी की थी कि ब्लैकहोल द्वारा बड़ी मात्रा में गैस उत्सर्जन के दौरान तेज गति से चलने वाला प्लाज्मा इस क्षेत्र से बचकर निकल सकता है।
तारे के नष्ट होने की घटना पहली बार पिछले साल दिसंबर में संज्ञान में आई थी। शोधकर्ताओं ने इसका पता लगाने के लिए रेडियो टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया था। सेटेलाइट और टेलीस्कोप द्वारा जुटाए गए एक्स-रे, रेडियो एवं ऑप्टिकल संकेतों से तारे के नष्ट होने की आश्चर्यजनक घटना की झलक सामने आई है।