पिछड़ जाएंगे बच्चों के विकास पर ध्यान न देने वाले देश
एक शोध में कहा गया है कि विकासशील देशों में इस वर्ष जन्में बच्चों की कमी उनके जीवनकाल में करीब 12 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का कारण बन सकती है।
लंदन (रायटर)। विकासशील देशों में इस साल जन्मे बच्चों की परवरिश में कमी उनके जीवनकाल में 177 अरब डॉलर (करीब 12 लाख करोड़ रुपये) के नुकसान का कारण बन सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि शारीरिक विकास में बाधा ऐसे बच्चों के कमाने की क्षमता को प्रभावित करती है। वहीं इनके बेहतर विकास पर खर्च किया गया हर रुपया दुनिया को तीन गुना होकर वापस मिल सकता है।
इस बारे में अनुसंधान कर रही संस्था ग्रैंड चैलेंजेज कनाडा के प्रमुख पीटर सिंगर ने कहा, '12 लाख करोड़ रुपये की राशि बहुत बड़ी होती है और दुनिया इसे खोने जा रही है। हमें दुनिया के इस श्रेष्ठ आर्थिक और सामाजिक खजाने को नष्ट होने से बचाना चाहिए।' विकासशील देशों में हर 10 में से तीन बच्चे पोषण की कमी, समय पूर्व जन्म, स्तनपान की कमी और कम उम्र में संक्रमण के शिकार होते हैं। वर्ल्ड बैंक के प्रमुख जिम योंग किम ने हाल ही में चेताया था कि बच्चों का अवरुद्ध विकास ऐसी तबाही है, जिसे अब तक समझा नहीं जा सका है। जो देश बच्चों के विकास के लिए समय पर निवेश से चूक जाएंगे, तेजी से जटिल और डिजिटल होती दुनिया में पीछे रह जाएंगे।
12 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा हार्वर्ड के वैज्ञानिकों ने दिया है जो निम्न व मध्यम आय वर्ग के 137 देशों में 2010 में जन्मे बच्चों के अध्ययन पर आधारित है। अकेले दक्षिण एशिया में यह नुकसान 46.6 अरब डॉलर (करीब 3.14 लाख करोड़ रुपये) का हो सकता है।
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