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सऊदी: किंग सलमान ने भतीजे को हटाकर अपने बेटे को बनाया गद्दी का उत्तराधिकारी

सऊदी अरब के सम्राट ने अपने 31 वर्षीय बेटे मोहम्मद बिन सलमान को देश का अगला प्रिंस नियुक्त किया।

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 21 Jun 2017 11:16 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jun 2017 12:20 PM (IST)
सऊदी: किंग सलमान ने भतीजे को हटाकर अपने बेटे को बनाया गद्दी का उत्तराधिकारी
सऊदी: किंग सलमान ने भतीजे को हटाकर अपने बेटे को बनाया गद्दी का उत्तराधिकारी

सऊदी अरब (जेएनएन)। सऊदी के सुल्तान सलमान ने अपने भतीजे मुहम्मद बिन नायेफ को हटाकर अपने बेटे मुहम्मद बिन सलमान को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। अपने पिता के बाद अब प्रिंस सलमान सऊदी की गद्दी पर बैठेंगे। प्रिंस सलमान को प्रिंस बनाने की तैयार पहले से ही दिख रही थी। उनसे पहले क्राउन प्रिंस रहे 57 साल के नायेफ से धीरे-धीरे सभी शक्तियां छीनी जा रही थीं। नायफ से राजकुमार का क्राउन छीनने के अलावा उनसे देश के सबसे शक्तिशाली आंतरिक सुरक्षा मंत्री का पद भी छीन लिया गया। 

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सऊदी अरब की न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बिन नायफ जो सालों से आतंकवाद रोधी कार्यक्रमों के लिए काम कर रहे थे उन्होंने साल 2003-06 में अलकायदा समूह के बम विस्फोटों को भी नाकाम कर दिया था, उन्हें अब सभी पदों से मुक्त कर दिया गया है।

नए प्रस्तावित राजकुमार प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान, जो रक्षा मंत्री के पद के अलावा एक विशाल आर्थिक पोर्टफोलियो की देखरेख भी करते हैं। बताया जाता है कि पहले वे इस रेस में दूसरे स्थान पर थे। हालांकि शाही मामलों में नजर रखने वालों को इस बात का संदेह था कि जल्द ही उनकी ताकत बढ़ सकती है और वे उत्तराधिकारी बन सकते हैं।

जनवरी 2015 में सलमान के राजा बनने से पहले युवा राजकुमार को सऊदी के लोग नहीं जानते थे। इससे पहले प्रिंस सलमान अपने पिता के शाही अदालत के प्रभारी थे। अब सऊदी सम्राट ने अपने बेटे को शाही परिवार का प्रिंस नियुक्त कर अपार शक्तियां प्रदान की हैं। अल अरबिया टेलीविजन ने बताया कि राजकुमार को बढ़ावा देने के लिए राज्य की सशक्तीकरण परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया था। इसके बाद राजा ने बुधवार शाम को मक्का में मोहम्मद बिन सलमान के प्रति वफादारी दिखाते हुए इस बात की घोषणा की। 

सऊदी अरब ने इस तरह की आश्चर्यजनक घोषणा अपने ढ़ाई साल बाद की है। जिसने 2015 में यमन में युद्ध की शुरूआत कर लोगों को चकित कर दिया था, पुरानी ऊर्जा सब्सिडी काटने और 2016 में राज्य तेल कंपनी अरमैको का अंशत: निजीकरण करने का प्रस्ताव रखा था।

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