सऊदी अरब की 13 मांगे हमारी 'संप्रभुता' का उल्लंघन: कतर
कतर से सभी तरह के राजनयिक रिश्ते खत्म करने वाले देशों ने अब उसके सामने रिश्तों को सुधारने के लिए एक मसौदा पेश किया है। इस मसौदे के तहत इन देशों ने कतर को 13 मांग सौंपी हैं।
नई दिल्ली/दोहा। अमेरिका में कतर के राजदूत मेशल हमद अल-थानी ने सऊदी अरब द्वारा संबंध सुधारने के लिए रखी गई 13 मांगों को नाजायज ठहराया है। मेशल का कहना है कि प्रतिबंध हटाने के लिए जो मांगे रखी गई हैं, वो उनकी 'सुप्रभुता' का उल्लंघन है।
राजदूत मेशल ने ट्वीट कर मांगों की सूची की आलोचना करते हुए कहा कि कतर को अपनी स्वतंत्रता के लिए दंडित किया जा रहा है, जो जायज नहीं है। मौजूदा समय में कतर को संबंध सुधारने के लिए जो 13 मांग रखी गई हैं उन्हें सऊदी अरब, मिस्र, यूएई, बेहरीन ने तैयार किया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'मीडिया में परिचालित मांगों की सूची स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि यह विवाद हमारे पड़ोसियों द्वारा लगाए गए झूठे आतंकवाद के आरोपों से जुड़ा नहीं है। यह सूची मुक्त मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का एक प्रयास है। साथ यह हमारी सार्वभौमिकता का उल्लंघन करना और कतर को अपनी आजादी के लिए सज़ा देना है।'
दरअसल, कतर से सभी तरह के राजनयिक रिश्ते खत्म करने वाले देशों ने अब उसके सामने रिश्तों को सुधारने के लिए एक मसौदा पेश किया है। इस मसौदे के तहत इन देशों ने कतर को 13 मांग सौंपी हैं। इसमें अल जजीरा चैनल को बंद करने समेत ईरान से दूरी बनाना भी है। इस मसौदे का मकसद कतर के चलते खाड़ी देशों के बीच उठे विवाद को समाप्त करना है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों खाड़ी के देशों ने मिलकर कतर पर यह आरोप लगाते हुए रिश्ते समाप्त कर लिए थे कि वह आतंकवाद को पनाह देता है। बहिष्कार की वजह से कतर को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस विवाद को कम करने की कोशिश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी की थी लेकिन उन्हें सऊदी अरब से मुंह की खानी पड़ी थी। बाद में पाकिस्तान में मौजूद सऊदी के राजदूत ने इस तरह की मध्यस्थता को सिरे से खारिज भी कर दिया।
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