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पाकिस्तान के 24 हजार मदरसों को सऊदी दे रहा पैसा

अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने पाकिस्तानी मदरसों और सऊदी अरब के संबंधों का खुलासा किया। सीनेटर क्रिस मर्फी का कहना है कि सऊदी अरब पाकिस्तान के 24,000 मदरसों को आर्थिक मदद दे रहा है और वह असहिष्णुता फैलाने के लिए सुनामी की तरह पैसा बहा रहा है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2016 04:36 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2016 05:35 PM (IST)
पाकिस्तान के 24 हजार मदरसों को सऊदी दे रहा पैसा

वाशिंगटन। अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने पाकिस्तानी मदरसों और सऊदी अरब के संबंधों का खुलासा किया। सीनेटर क्रिस मर्फी का कहना है कि सऊदी अरब पाकिस्तान के 24,000 मदरसों को आर्थिक मदद दे रहा है और वह असहिष्णुता फैलाने के लिए सुनामी की तरह पैसा बहा रहा है।

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मर्फी ने कहा है कि पाकिस्तान में सऊदी से आ रहे धन का उपयोग उन धार्मिक स्कूलों में किया जा रहा है, जो घृणा वं आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। 1956 में पाकिस्तान में 244 मदरसे ही थे, जो आज बढ़कर 24,000 हो गए हैं। इनकी तादाद तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने यह बात शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरन रिलेशंस को संबोधित करते हुए रखी।

अनुमानों के मुताबिक, 1960 के दशक से सऊदी ने वहाबी इस्लाम के प्रसार अभियान के लिए दुनियाभर में मदरसों और मस्जिदों को 100 अरब डॉलर (करीब 67.5 खरब रुपये) से अधिक की आर्थिक सहायता दी है। मर्फी ने कहा, 'सऊदी अरब के इस पहलू को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते।

अमेरिका को यमन में सऊदी अरब की सैन्य मुहिम को समर्थन बंद कर देना चाहिए। यह कदम कम से कम तब तक जरूरी है जब तक हमें विश्वास नहीं हो जाता कि यह अभियान आइएस और अल कायदा के विरुद्ध ही केंद्रित है।' मर्फी ने कहा कि जिन आतंकी संगठनों की बात की जाती है, वे मूलत: सुन्नी हैं और वे वहाबी एवं सलाफी शिक्षाओं से बहुत प्रभावित हैं।


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