बुर्किनी पर प्रतिबंध के लिए फ्रांस का संविधान बदलेंगे सरकोजी
बुर्किनी को कट्टरपंथ का प्रतीक बता चुके फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने इसके इस्तेमाल पर पाबंदी का फिर से समर्थन किया है।
पेरिस, रायटर : बुर्किनी को कट्टरपंथ का प्रतीक बता चुके फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने इसके इस्तेमाल पर पाबंदी का फिर से समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि बुर्किनी पर प्रतिबंध के लिए सत्ता में आने पर वे संविधान में बदलाव करेंगे। अगले साल अप्रैल में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए सरकोजी ने पिछले हफ्ते अपने अभियान की घोषणा की थी।
उन्होंने सोमवार को कहा कि हम पहले भी संविधान में कई बार बदलाव कर चुके हैं। बुर्किनी पर प्रतिबंध के लिए भी इसमें बदलाव किया जा सकता है। उनसे गृह मंत्री बर्नार्ड केजेन्यूवे के बयान को लेकर सवाल पूछा गया था। केजेन्यूवे ने परिधानों पर प्रतिबंध को असंवैधानिक बताया था।
गौरतलब है कि बुर्किनी ऐसा स्विमसूट है जिसमें महिलाओं का पूरा शरीर ढक जाता है। आमतौर पर मुस्लिम महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं। फ्रांस के कई तटीय शहरों में इसके इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई थी। मुसलमानों, नागरिक अधिकार समर्थकों और नारीवादियों को नाराज करने वाले इस फैसले का प्रधानमंत्री मैनुएल वाल्स ने भी समर्थन किया था।
लेकिन, 26 अगस्त को देश की शीर्ष अदालत ने इसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए प्रतिबंध हटा दिया था।
पढ़ें- जर्मनी में बलूचिस्तान समर्थकों ने किया प्रदर्शन, पीएम मोदी के समर्थन में लगे नारे