पाक को तीन हजार करोड़ की सैन्य मदद पर खतरे के बादल
पाकिस्तान को अमेरिका से मिलने वाली 450 मिलियन डॉलर (करीब तीन हजार करोड़ रुपये) की सैन्य सहायता भी खतरे में पड़ती लग रही है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। एफ-16 लड़ाकू विमानों का सौदा खटाई में पड़ने के बाद अब पाकिस्तान को अमेरिका से मिलने वाली 450 मिलियन डॉलर (करीब तीन हजार करोड़ रुपये) की सैन्य सहायता भी खतरे में पड़ती लग रही है। अमेरिकी संसद इस सहायता को रोकने के लिए कदम उठाने की तैयारी में है। ऐसा पाकिस्तान के हक्कानी गुट के आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के वादे को पूरा न करने के चलते होगा।
अमेरिकी संसद पाकिस्तान के लिए पूर्व में स्वीकृत सैन्य सहायता को आतंकवाद से लड़ाई से जोड़कर देखती है। पाकिस्तान के साथ अपने समझौते को बचाने के लिए ओबामा प्रशासन को अब रक्षा मंत्री से प्रमाणित कराना होगा कि पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान इलाके में हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। अमेरिका के पास जो सूचनाएं हैं उनके अनुसार उत्तरी वजीरिस्तान में आतंकी नेटवर्क पूरी मजबूती के साथ काम कर रहा है। वहां पनाह लेकर आतंकी अफगानिस्तान में वारदातों को अंजाम देते हैं और फिर भागकर वापस आ जाते हैं। पता चला है कि रक्षा मंत्री संसद को हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पाकिस्तानी कार्रवाई का प्रमाण पत्र देने में खुद को सक्षम नहीं पा रहे हैं।
संसद की सैन्य सेवाओं से संबंधित समिति ने कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ हुए समझौतों की लगातार समीक्षा करेगी और देखेगी कि उन पर कितना काम हो रहा है। समिति आतंकवाद पर पाकिस्तान के कदमों पर गौर करेगी और गौर करेगी कि पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता बनी रहे।
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