रिचर्ड राहुल वर्मा होंगे भारत में अमेरिका के अगले राजदूत
अमेरिकी सीनेट ने भारत में अमेरिका के अगले राजदूत के रूप में रिचर्ड राहुल वर्मा के नामांकन पर मंगलवार को ध्वनिमत के साथ पुष्टि की मुहर लगा दी। 46 वर्षीय वर्मा भारतीय मूल के ऐसे पहले अमेरिकी हैं, जो भारत में अमेरिका के राजदूत होंगे। उनके द्वारा जल्द ही इस
वाशिंगटन। अमेरिकी सीनेट ने भारत में अमेरिका के अगले राजदूत के रूप में रिचर्ड राहुल वर्मा के नामांकन पर मंगलवार को ध्वनिमत के साथ पुष्टि की मुहर लगा दी। 46 वर्षीय वर्मा भारतीय मूल के ऐसे पहले अमेरिकी हैं, जो भारत में अमेरिका के राजदूत होंगे। उनके द्वारा जल्द ही इस पद की शपथ लिए जाने की संभावना है।
वर्मा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे से पहले नई दिल्ली पहुंचेंगे। ओबामा इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। बहुत ज्यादा विभाजित सीनेट के समक्ष राजदूत पद के लिए 50 से ज्यादा नामांकनों के लंबित होने के मददेनजर वर्मा के नाम पर ध्वनि मत के साथ मुहर लगाया जाना भारत-अमेरिका संबंधों के प्रति द्विदलीय समर्थन को दर्शाता है।
असैन्य परमाणु करार को कांग्रेस की मंजूरी दिलवाने में शांतिपूर्वक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वर्मा ने प्रशासन में रहने के दौरान भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों की पैरोकारी की थी। हाल ही में उन्होंने शीर्ष अमेरिकी थिंक-टैंक-सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस में 'इंडिया 2020' नामक एक परियोजना की शुरुआत की है।
वर्मा वर्ष 2009 से 2011 तक ओबामा प्रशासन के अंतर्गत विदेश मंत्रालय में विधायी मामलों के सहायक विदेश मंत्री रह चुके हैं। इस समय वह स्टेपटो एंड जॉनसन नामक कानूनी कंपनी और पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री एम़ अलब्राइट के नेतत्व वाली अल्ब्राइट स्टोनब्रिज ग्रुप नामक बिजनेस सलाहाकार कंपनी में वरिष्ठ सलाहाकार हैं।
वर्मा नैंसी पॉवेल की जगह लेंगे, जिन्होंने कनिष्ठ भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े से संबंधित मामले में पैदा विवाद के बाद मार्च में इस्तीफा दे दिया था। देवयानी पर न्यूयॉर्क के अधिकारियों ने वीजा धोखाधड़ी करने और घरेलू नौकरानी को कम वेतन देने का आरोप लगाया था।
फिलहाल नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास की प्रमुख कैथलीन स्टीफन्स हैं। वर्मा वर्ष 2008 से ही ओबामा से जुड़े हैं। तब उन्होंने तत्कालीन इलिनोइस सीनेटर के लिए राष्ट्रपति पद से संबंधित बहस से जुड़ी तैयारियों पर काम किया था। उनके माता-पिता 1960 के दशक की शुरुआत में अमेरिका आ गए थे।
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